
हर साल 28 सितंबर को वर्ल्ड रेटिना डे (World Retina Day 2025) मनाया जाता है। आंखों की सेहत को हम अक्सर काफी सीमित चीजों से जोड़कर देखते हैं लेकिन क्या आपको पता है हाई बीपी भी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है। आइए इस बारे में डॉक्टर से जानें कि कैसे ब्लड प्रेशर बढ़ने से आंखों को नुकसान हो सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर को अक्सर “साइलेंट किलर” कहा जाता है, क्योंकि शुरुआत में इसके लक्षण साफ नहीं दिखाई देते। लेकिन हैरानी की बात यह है कि हमारे शरीर में एक ऐसा अंग है जो सबसे पहले हाई बीपी के संकेत (High Blood Pressure Signs in Eyes) दिखाना शुरू कर देता है और वह है हमारी आंखें।
आंखों की रेटिना में होने वाले बदलाव न सिर्फ हाई ब्लड प्रेशर का इशारा करते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि यह समस्या कितनी गंभीर है और इसने शरीर के अन्य अंगों को कितना नुकसान पहुंचाया है। आइए इस बारे में डॉ. पवन गुप्ता (सीनियर कैटरैक्ट एंड रेटिना सर्जन, आई 7 हॉस्पिटल, लाजपत नगर एंड विजन आई क्लीनिक नई दिल्ली) से जानते हैं।
आखिर क्यों आंखें हैं इतनी सेंसिटिव?
इसकी सबसे बड़ी वजह है आंख की अनोखी संरचना। हमारे शरीर में आंख ही एकमात्र ऐसा अंग है जहां हम बिना किसी सर्जरी के सीधे ब्लड वेस्लस को देख सकते हैं। रेटिना की छोटी ब्लड वेसल्स बहुत सेंसिटिव होती हैं और ब्लड प्रेशर में होने वाले मामूली उतार-चढ़ाव का भी सीधा असर उन पर पड़ता है। जब ब्लड प्रेशर लगातार बढ़ा रहता है, तो ये छोटी वेस्लस सख्त और संकरी होने लगती हैं, जिसका असर आंखों की रोशनी पर पड़ सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर से आंखों को क्या नुकसान हो सकते हैं?
लंबे समय तक अगर हाई बीपी की समस्या बनी रहे, तो रेटिना को गंभीर नुकसान पहुंचाता है, जिसे मेडिकल भाषा में ‘हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी’ कहा जाता है।
आर्टरीज का सख्त होना- सबसे पहले रेटिना की आर्टरीज सख्त और मोटी होने लगती हैं।
सिल्वर वायरिंग– समय के साथ, इन सख्त हो चुकी आर्टरीज की परत चमकदार और चांदी जैसी दिखने लगती है, जिसे ‘सिल्वर वायरिंग’ कहते हैं।
आर्टीरियोवेनस निकिंग– सख्त और मोटी आर्टरीज जहां-जहां वेन्स को क्रॉस करती हैं, वहां उनपर दबाव डालने लगती हैं। इससे वेन्स में रक्त का प्रवाह बाधित होता है। इस अवस्था को AV Nicking कहा जाता है। जब हाइपरटेंसन बहुत ज्यादा बढ़ जाता है या लंबे समय तक बना रहता है, तो यह दृष्टि के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
रेटिनल वेन ऑक्लूजन– जब मोटी आर्टरीज वेन्स पर इतना दबाव डालती हैं कि उनमें ब्लड फ्लो पूरी तरह रुक जाता है। अगर रेटिना की किसी वेन में बाधा आ जाए, तो उसे ब्रांच रेटिनल वेन ऑक्लूजन (BRVO) कहते हैं। इससे प्रभावित हिस्से में हेमरेज और सूजन हो जाती है, जिसके कारण अचानक धुंधला दिखाई देना या विजन लॉस हो सकता है।
रेटिनल आर्टरी ऑक्लूजन– कभी-कभी रेटिना की मुख्य आर्टरी ही ब्लॉक हो जाती है, जिसे सेंट्रल रेटिनल आर्टरी ऑक्लूजन (CRAO) कहते हैं। यह एक मेडिकल इमरजेंसी है जिसमें मरीज को अचानक और लगभग पूरी तरह दिखाई देना बंद हो सकता है।
मैलिग्नेंट हाइपरटेंशन– अगर ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा (जैसे 200 mmHg के पार) चला जाए, तो यह कंडीशन पैदा होती है। इसमें रेटिना में गंभीर सूजन, ऑप्टिक नर्व में सूजन, और ‘कॉटन वूल स्पॉट’ दिखाई देते हैं।
सूजन और फ्लूएड का रिसाव– हाई बीपी रेटिना की नाजुक ब्लड वेस्लस को नुकसान पहुंचाता है, जिससे उनमें से फ्लूएड और खून का रिसाव होने लगता है। इससे रेटिना में सूजन आ जाती है।
आंखों में दिखने वाले ये संकेत चेतावनी का काम करते हैं। यह बताते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर सिर्फ दिल की बीमारी या किडनी की समस्या तक सीमित नहीं है, बल्कि इसने आपकी आंखों को भी खतरे में डाल दिया है।