चित्तौड़गढ़: यहां तीन रूपों में विराजमान हैं जोगणिया माता

नवरात्रि पर मां के धाम और मंदिरों की महिमा और भी बढ़ जाती है। मां की भक्ति और आराधना के लिए यह पर्व विशेष महत्व रखता है। तो चलिए इस खास अवसर आज बात करते हैं राजस्थान के चित्तौणगढ़ स्थित जोगणिया माता मंदिर की। नवरात्रि के पावन अवसर पर मेवाड़ के शक्तिपीठों में जोगणिया माता मंदिर का नाम खास रूप से लिया जाता है। इस मंदिर में देवी दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती तीनों रूपों में विराजमान हैं। राजस्थान ही नहीं, बल्कि समीपवर्ती मध्य प्रदेश और गुजरात के लाखों श्रद्धालु माता जोगणिया की आराधना करने यहां पहुंचते हैं। इन दिनों तो मां के जयकारों की गूज सुनाई दे रही है चारों तरफ।

ऊंची-ऊंची पहाड़ियों से तीन ओर से घिरा है मंदिर
अरावली पर्वतमाला की ऊंची-ऊंची पहाड़ियों से तीन ओर से घिरा यह प्राचीन मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। एक ओर गहरी खाई और दूसरी ओर फैला हुआ घना जंगल इसकी आध्यात्मिकता को और भी रहस्यमय बना देता है।

300 फीट गहरे दर्रे में झरना गिरता है
बरसात के मौसम में मंदिर से नीचे लगभग 300 फीट गहरे दर्रे में झरना गिरता है और बरसाती नदी प्रवाहित होती है। मंदिर के गर्भगृह के प्रवेश द्वार पर दो विशाल सिंह की प्रतिमाएं स्थापित हैं, मानो स्वयं माता की रक्षा कर रही हों। समीप बने मंडप में प्राचीन सहस्त्र शिवलिंग विराजमान है, जो श्रद्धालुओं को शिव-शक्ति का अद्भुत संगम का आभास कराता है।

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