
पंजाब में बाढ़ संकट के बीच आम लोग राहत कार्यों में आगे आ रहे हैं. सीएम भगवंत मान ने अस्पताल से ही इन निस्वार्थ मददगारों से बात कर उनके योगदान की सराहना की. पंजाब इन दिनों कुदरती कहर से जूझ रहा है. भारी बारिश और बांधों के उफान से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात ने तबाही मचा दी है. इस बीच राज्य के कई लोग बाढ़ पीड़ितों को राहत देने के लिए खुद आगे आ रहे हैं. मुख्यमंत्री भगवंत मान, जो इस समय अस्पताल में भर्ती हैं, वहीं से हालात पर नजर रख रहे हैं और उन निस्वार्थ व्यक्तियों से बात कर रहे हैं, जिन्होंने अपनी सेवाओं से उम्मीद की नई मिसाल कायम की है.
सीएम भगवंत मान ने सराहा जनसेवा
सीएम भगवंत मान ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में वे उन लोगों से वीडियो कॉल पर बात करते दिखे, जिन्होंने बाढ़ आपदा के दौरान पीड़ितों की मदद की है.
उन्होंने कपूरथला के रहने वाले प्रीतपाल सिंह को कॉल कर कहा, “आपने तो कमाल कर दिया. आपके इस योगदान का कोई मोल नहीं दे सकता. इतने लोगों की मदद करना आपको और उन्नति देगा.” वीडियो को शेयर करते हुए सीएम ने लिखा, “पंजाब पर आए संकट के समय पंजाबियों के साथ खड़े होने वाले पंजाब के लोगों से बातचीत की.” प्रीतपाल सिंह का बड़ा योगदान
पंजाब के कई जिलों- पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर में बाढ़ से तबाही का मंजर है. इस बीच प्रीतपाल सिंह ने राहत कार्य की दिशा बदलने वाला कदम उठाया है. उन्होंने अपनी लोहे की फैक्ट्री, जो सामान्यतः रेलवे के डिब्बे बनाती है, का काम रोककर बाढ़ पीड़ितों के लिए मुफ्त नावें बनाना शुरू कर दिया. न्यूज में जब उन्होंने देखा कि लोगों को नावों की जरूरत है तो उन्होंने खुद जिम्मा लिया. अब तक उन्होंने कई जिलों में ये नावें भेज दी हैं.
कैसे मददगार साबित होंगी ये नावें?
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हर तरफ पानी फैला हुआ है. ऐसे हालात में लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने, मरीजों को सुरक्षित निकालने और बचाव दलों की आवाजाही के लिए नावें ही सबसे बड़ा साधन बन रही हैं. चाहें एनडीआरएफ (NDRF), एसडीआरएफ (SDRF) या स्थानीय प्रशासन हो सबको इन नावों की जरूरत पड़ रही है. प्रीतपाल सिंह की यह पहल बाढ़ग्रस्त इलाकों के लिए किसी जीवनदायिनी राहत से कम नहीं.
उम्मीद और सहयोग की मिसाल
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि मुश्किल समय में अपना काम छोड़कर लोगों और जरूरतमंदों की मदद करना पंजाबियों की असली पहचान है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और प्रशासन हर संभव राहत देने में जुटे हैं, लेकिन आम लोगों का यह सहयोग संकट की घड़ी में और ज्यादा ताकत देता है. इस पूरी पहल ने दिखा दिया है कि इंसानियत और सहयोग किसी भी आपदा से बड़ा होता है.