
इंडस्ट्रियल एरिया में 130 इंडस्ट्रीज अभी तक जलमग्न हैं। यहां से अतिरिक्त पंप लगाकर तेजी से पानी निकाला जा रहा है, इसके बावजूद चार फीट तक जलस्तर बना हुआ है। पानी की निकासी को बार-बार कारोबारी देखने आ रहे हैं। कारोबारियों की मानें तो उन्हें उत्पादन शुरू करने में करीब एक महीने का समय लग सकता है। अभी तीन से चार दिन तो पानी पूरी तरह से निकलने में लग जाएंगे। इसके अलावा सफाई कार्य, मशीनों की चेकिंग और अन्य कार्य कराए जाएंगे। ऐसे में पानी निकासी होने के बाद भी कारोबारियों के सामने पांच बड़ी चुनौतियां तैयार खड़ी हैं, जिनसे उन्हें निपटने में समय लगेगा। इन चुनौतियों से निपटने के बाद ही कारोबारी उत्पादन को शुरू कर सकेंगे।
सफाई कार्य : अंबाला छावनी के इंडस्ट्रियल एरिया के प्रधान डीसी गुप्ता बताते हैं कि टांगरी नदी से हुए जलभराव में सफाई एक बड़ी चुतौती है, क्योंकि इस नदी के पानी के साथ आई मिट्टी अलग तरह की है। ये चिकनी मिट्टी है जो दीवारों और मशीनों से चिपक कर रह जाती है। इसे पानी से साफ नहीं किया जा सकता बल्कि खुरच खुरच कर साफ किया जाता है। इस कार्य में एक सप्ताह का समय लग सकता है। सिर्फ फैक्टरी ही नहीं बल्कि पूरे इंडस्ट्रियल एरिया की सफाई करानी होगी, क्योंकि जलभराव से काफी बदबू भी आ जाती है।
मशीनों के कलपुर्जे: उद्योगपति आशीष तायल ने बताया कि मशीनों के कलपुर्जे खराब हैं या सही इसकी जांच फिर इन्हें संभलवाने के लिए दूसरे शहरों में भेजना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। यह कलपुर्जे दूसरे शहरों में मिलेंगे भी या नहीं यह भी देखना होगा। अगर मिल भी गए तो उन्हें लाने में भी समय लग सकता है। ऐसे में यह कार्य भी समय लेगा।
मोटरों को ठीक कराना: मशीनों की मोटर को अंबाला में काफी कम लोग हैं जो ठीक करते हैं। ऐसे में सभी इंडस्ट्रीज की मोटर वहां पर पहुंच गईं तो मोटर को ठीक करने में भी समय लगेगा। ऐसे में यह कार्य भी किसी चुनौती से कम नहीं है।
बीमा सर्वे: उत्पादन शुरू करने के लिए जो नुकसान हुआ है उसका बीमा क्लेम प्राप्त करना भी जरूरी है, तभी काम को किया जा सकता है। ऐसे में सर्वे के लिए टीम आएगी फिर जाकर क्लेम पास होगा। ऐसे में इस कार्य में भी समय लग सकता है।