
पंजाब में बाढ़ से तबाही के बीच भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने बड़ा बयान दिया है। त्रिपाठी ने कहा कि बांध हमेशा भरे रहें, राज्यों को यह रूढ़िवादी सोच बदलनी होगी। मानसून में अतिरिक्त पानी आने की वजह से बांधों से भारी मात्रा में पानी छोड़ना पड़ता है जिससे हालात काबू से बाहर हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि भाखड़ा का जलस्तर काफी समय से 1400 फीट तक नहीं गया है। बोर्ड की तकनीकी कमेटी में भी यह बात सामने लाई गई थी। इस बार भीषण बारिश की वजह से काफी मात्रा में पानी बांधों में आया है जिससे पंजाब भीषण बाढ़ की त्रासदी झेल रहा है।
गाद निकालने का काम सही तरीके से हो
त्रिपाठी ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में कहा कि राज्यों को डर रहता है कि कम बारिश के कारण बांधों का जलस्तर नीचे जाने से कहीं पानी का संकट पैदा न हो जाए, लेकिन यह सोच सही नहीं है। क्या हरियाणा को पानी देने से बाढ़ के हालात पैदा न होते? इस सवाल पर त्रिपाठी ने कहा कि इससे मामूली फर्क जरूर पड़ता, लेकिन हरियाणा सिर्फ 8800 क्यूसेक पानी की मांग कर रहा था, जबकि अब भाखड़ा से हजारों क्यूसेक पानी रोज छोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बांधों की सुरक्षा भी देखनी होती है और उनकी सफाई भी करनी होती है इसलिए प्रशासन अधिक पानी छोड़ना चाहता है लेकिन राज्यों की दखल से यह संभव नहीं हो पाता। उन्होंने राज्यों को नसीहत दी कि नदियों से गाद निकालने व अन्य रखरखाव का काम भी बेहतर तरीके से किया जाना चाहिए।