
पिछले तीन दिनों से चंपावत जिले में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है. पहाड़ों से गिरा मलबा सड़कों पर जमा हो गया है,डीएम ने खुद मोर्चा संभाल लिया है. उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के चंपावत जिले में पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने हालात को गंभीर बना दिया है. भूस्खलन और मलबे के कारण जिले की कई सड़कें बाधित हो गई हैं. इस आपदा के बीच चंपावत के जिलाधिकारी मनीष कुमार ने स्वयं मोर्चा संभालते हुए राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है.
उन्होंने न केवल सड़कों को खुलवाने का काम किया, बल्कि क्वैराला नदी के तेज बहाव में फंसे दो लोगों को भी सुरक्षित बचाया.
चंपावत में बारिश से बिगड़े हालात
पिछले तीन दिनों से चंपावत जिले में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है. पहाड़ों से गिरा मलबा सड़कों पर जमा हो गया है, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है. कई जगह सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, और जहां पहले वाहन चलते थे, वहां अब पानी का तेज बहाव दिखाई दे रहा है. इन हालातों को नियंत्रित करने के लिए जिलाधिकारी मनीष कुमार ने खुद कमान संभाली और ग्राउंड जीरो पर उतरकर राहत कार्य शुरू किए.
डीएम मनीष कुमार का साहसिक कदम
जिलाधिकारी मनीष कुमार ने भारी बारिश के बीच सड़कों पर आए मलबे को हटाने के लिए जेसीबी मशीनों की मदद से रास्ते खुलवाए. उन्होंने पुनाबे, सिप्टी, लफड़ा और पाली अमोड़ी क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान क्वैराला नदी पार करते समय ग्राम अमोड़ी की पिरुली देवी (पत्नी उमापति थ्वाल) और ग्राम बडोली के लीलाधर थ्वाल (पुत्र लोकमणि) तेज बहाव में फंस गए. डीएम मनीष कुमार ने त्वरित और साहसिक निर्णय लेते हुए दोनों को सुरक्षित निकाला. इसके बाद, वाहन की व्यवस्था कर दोनों घायलों को चंपावत जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है.
सड़कों को सुचारू करने का प्रयास
डीएम मनीष कुमार ने बताया कि भारी बारिश के कारण चंपावत में कई स्थानों पर सड़कों पर मलबा आ गया है, जिससे यातायात बाधित हुआ है. उनकी टीम लगातार मलबा हटाने और सड़कों को सुचारू करने में जुटी है. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि भारी बारिश के बावजूद लोगों को कम से कम परेशानी हो और सभी सड़कें यातायात के लिए सुचारू रहें.
लोगों से सतर्क रहने की अपील
जिलाधिकारी ने बारिश के मौसम को देखते हुए लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. उन्होंने कहा कि नदियां और नाले उफान पर हैं, इसलिए लोग जहां हैं, वहीं सुरक्षित रहें. इस मौसम में अनावश्यक यात्रा से बचें. प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों को तेज करते हुए लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है.