ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से डरने की जरूरत नहीं… आ गई बड़ी खबर, भारत 2038 में ही बन जाएगा बड़ी सुपरपावर]

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की इकोनॉमी 2030 तक 20.7 ट्रिलियन डॉलर (पीपीपी) और 2038 में 34.2 ट्रिलियन डॉलर (पीपीपी) पर पहुंच जाएगी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ ने भारतीयों की चिंता बढ़ा दी है. निर्यातक से लेकर उत्पादक तक सब परेशान हैं. इस बीच एक राहत देने वाली खबर आई है कि ट्रंप की भारत के खिलाफ ये टैरिफ पॉलिसी इकोनॉमी पर असर नहीं डाल पाएगी. ये अनुमान ईवाई इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में जताया है.

ईवाई इंडिया ने कहा है कि टैरिफ के बोझ और वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद 2038 तक भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. सकल घरेलू उत्पाद (PPP) 34.2 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया कि तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए भारत पांच साल में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना और मजबूत आर्थिक बुनियाद के साथ वह तेजी से आगे बढ़ रहा है.

रिपोर्ट में बताया गया कि 13 सालों में भारत को दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए जो फैक्टर मदद करेंगे उनमें 2025 में 28.8 वर्ष की औसत आयु, हाई सेविंग रेट और सरकारी लोन जीडीपी अनुपात के साथ 2030 तक घटकर 75.8 प्रतिशत होने का अनुमान है, जो 2024 में 81.3 प्रतिशत था. सरकारी लोन घटेगा, जबकि इकोनॉमी की टॉप लिस्ट में शामिल अन्य देशों पर ऋण लगातार बढ़ रहा है.

ईवाई के चीफ पॉलिसी एडवाइजर ने कहा, ‘भारत की ताकतें, युवा आबादी और कुशल कार्यबल, सेविंग, निवेश दरें अस्थिर वैश्विक वातावरण में भी उच्च विकास में मदद करेंगे.’ वर्तमान में भारत 4.19 ट्रिलियन डॉलर नॉमिनल जीडीपी के साथ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.

ईवाई इंडिया की रिपोर्ट का अनुसान है कि अगले पांच सालों में यानी 2030 तक ही भारतीय इकोनॉमी 20.7 ट्रिलियन डॉलर (पीपीपी) तक पहुंच सकती है और चीन 42.2 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ सबसे आगे होगा. रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान की तुलना में भारत की स्थिति काफी अच्छी है. हालांकि, रिपोर्ट में चीन की इकोनॉमी को लेकर भी अच्छी भविष्यवाणी की गई है, लेकिन उसकी बूढ़ी होती आबादी और बढ़ता कर्ज उसके लिए चुनौती बन सकता है.

भारत इस समय दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और कई थिंक टैंक ने अनुमान जताया है कि 2028 तक यह जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे नंबर पर आ जाएगा. वहीं, अमेरिकी टैरिफ जैसी वैश्विक चुनौतियां जीडीपी पर काफी कम प्रभाव डालेंगी.

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