मुंबई में भारी बारिश के बाद लोगों में लेप्टोस्पायरोसिस का खतरा, BMC ने किया अलर्ट

मुंबई में भारी बारिश के बीच लेप्टोस्पायरोसिस, डेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ रहा है. ऐसे में महानगरपालिका आयुक्त ने बैठक की और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए. बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है. इस दौरान जो लोग धीमी गति से निकलने वाले पानी में चले हैं, उन्हें लेप्टोस्पायरोसिस (Leptospirosis) का संक्रमण होने की संभावना रहती है.

वहीं, जिन व्यक्तियों के शरीर पर घाव या खरोंच है और उसका संपर्क जमा हुए पानी या कीचड़ से हुआ है, उन्हें संक्रमण का खतरा और अधिक होता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए, महानगरपालिका आयुक्त एवं प्रशासक, भूषण गगराणी, के मार्गदर्शन में सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग को जनजागृति करने और आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं.

बारिश में लेप्टोस्पायरोसिस से बचाव उपाय

इसके साथ ही, बारिश से संबंधी बीमारियों के संदर्भ में आयोजित विशेष समीक्षा बैठक में, आयुक्त महोदय ने सभी संबंधितों को जनजागरण बढ़ाने और चिकित्सकीय उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

लेप्टोस्पायरोसिस के संबंध में, बृहन्मुंबई महानगरपालिका के कार्यकारी स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि बारिश के पानी या कीचड़ में चले हुए व्यक्तियों को, 24 से 72 घंटे के भीतर चिकित्सकीय सलाह लेकर रोकथाम हेतु दवाइयां लेना आवश्यक है.

दूषित पानी के संपर्क में आने से संक्रमण का खतरा

भारी बारिश के दौरान नागरिकों को जमा हुए या बहते पानी में चलना पड़ता है. इसी पानी में लेप्टोस्पायरोसिस रोग के लेप्टोस्पायरा (स्पाइरोकीट्स) नामक सूक्ष्म जीवाणु हो सकते हैं. ऐसे दूषित पानी के संपर्क में आने से व्यक्ति को संक्रमण हो सकता है.

यदि व्यक्ति के पैरों या शरीर के किसी भी हिस्से पर घाव या साधारण खरोंच हो, तो उस छोटे से घाव से भी यह जीवाणु शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. इसलिए, जिन लोगों का संपर्क बारिश के पानी से हुआ हो, उन्हें तत्काल चिकित्सकीय सलाह के अनुसार दवा लेना चाहिए.

उपचार लेना आवश्यक

लेप्टोस्पायरोसिस एक गंभीर रोग है और यदि समय पर उपचार न किया जाए, तो यह प्राणघातक साबित हो सकता है. इसलिए, समय रहते रोकथाम हेतु उपचार लेना आवश्यक है. इसके लिए, बृहन्मुंबई महानगरपालिका के हिंदुहृदयसम्राट बाळासाहेब ठाकरे दवाखाने और महानगरपालिका के दवाखाने व अस्पतालों में संपर्क करना चाहिए.

यहां चिकित्सकीय जांच, मार्गदर्शन और आवश्यक उपचार निःशुल्क उपलब्ध हैं. साथ ही, नागरिकों से अपील है कि वे अपने परिवारजनों और मित्रों को भी इसकी जानकारी दें.साथ ही, बारिश में कोई भी बुखार, डेंगू, मलेरिया अथवा लेप्टोस्पायरोसिस हो सकता है. इसलिए, किसी भी बुखार को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

जमा पानी में आना-जाना न करें

बचाव के लिए, यदि पैर पर घाव हो तो जमा पानी में आना-जाना न करें या गमबूट का उपयोग करें. जमा पानी से आने के बाद पैरों को साबुन से अच्छी तरह धोकर सुखाएं. 

बारिश से संबंधी बीमारियों की रोकथाम के संदर्भ में आयोजित इस बैठक में अतिरिक्त आयुक्त (पश्चिम उपनगर), उपायुक्त (सार्वजनिक स्वास्थ्य) शरद उघड़े, सभी प्रभागीय सहआयुक्त/उपायुक्त, महानगरपालिका के सभी विभागों के सहायक आयुक्त और सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों पर चर्चा

बैठक में लेप्टोस्पायरोसिस के साथ-साथ डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों की रोकथाम पर विस्तार से चर्चा की गई. आयुक्त ने निर्देश दिए कि बारिश संबंधी बीमारियों की रोकथाम हेतु जनजागरण किया जाए, चिकित्सकीय उपचार की पद्धति के अनुसार आवश्यक सावधानियां बरती जाएं और विभिन्न स्तर पर उपाययोजनाएं लागू की जाएं.

साथ ही, बारिश का पानी जमा होकर मच्छरों की उत्पत्ति न हो, इसके लिए आवश्यक कदम उठाकर शून्य डास मोहीम (Zero Mosquito Campaign) चलाने के भी आदेश दिए.

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