
दिल्ली में यमुना नदी में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है. इसकी वजह से नदी किनारे निचले इलाके में पानी घुस आया. पुराने रेलवे पुल पर यमुना नदी का जलस्तर सुबह 8 बजे 205.79 मीटर तक पहुंच गया. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में यमुना नदी का पानी घुस आया है. इससे बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई. यमुना का पानी यमुना बाजार के आवासीय इलाके में आ चुका है. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इलाके का दौरा किया और पानी में उतरकर लोगों से बात की.
सीएम ने मंगलवार (19 अगस्त) को कहा, ”सुबह पानी का लेवल 206 को टच होने वाला था. इसलिए यहां तक पानी आया है, लेकिन इससे आगे नहीं आया ये अच्छी बात है. मैंने कंट्रोल रूम में चेक किया है, पानी तेजी से आ रहा है और आगे बढ़ रहा है. पानी सिर्फ निचले इलाकों में आया है. यहां लोग बसे हैं. हमने इन्हें निवेदन किया था कि सुरक्षित जगह चले जाएं. मैंने खुद माहौल देखा है. ये पानी आज कल में उतर जाएगा. हमने पानी, खाने और मेडिकल की व्यवस्था की है. सोलर लाइट दे रहे हैं.” इससे पहले सोमवार मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और मंत्री प्रवेश वर्मा ने यमुना में बढ़ते जलस्तर की समीक्षा की थी. सीएम कार्यालय ने कहा, ”यमुना घाट और आसपास के क्षेत्रों का दौरा कर बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की और असीता घाट, यमुना छठ घाट, 12 नंबर रेगुलेटर और कंट्रोल रूम सहित कई स्थलों पर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.”
यमुना की क्या है स्थिति?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दिल्ली के पुराने रेलवे पुल पर यमुना नदी का जलस्तर सुबह आठ बजे 205.79 मीटर तक पहुंच गया, जो निकासी स्तर 206 मीटर से थोड़ा कम है. नदी का जलस्तर सोमवार दोपहर को 205.55 मीटर तक पहुंच गया था, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया था.
केंद्रीय बाढ़ कक्ष के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘यमुना का जलस्तर मुख्यतः वज़ीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण बढ़ रहा है.’’ बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, वर्तमान में हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे लगभग 38,361 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है और वजीराबाद बैराज से हर घंटे 68,230 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.
पुराना रेलवे पुल नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ के खतरों पर नजर रखने के लिए प्रमुख केंद्र है. दिल्ली के लिए चेतावनी चिह्न 204.50 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है. बैराज से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे लगते हैं.