
मध्य प्रदेश में पुलिस और अन्य आपात सेवाओं की त्वरित मदद के लिए नया और अपग्रेडेड डायल-112 इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम लॉन्च होने जा रहा है। जनसुरक्षा के लिये अब डायल 112 होगी एकल एजेंसी आधारित सेवा होगी। नए सिस्टम से रियल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग और मल्टी-एजेंसी कोऑर्डिनेशन के जरिए केवल 16 मिनट में मदद मिलेगी। इसकी शुरुआत 15 अगस्त से होगी। यह सिस्टम मौजूदा डायल-100 की जगह लेगा, जो पिछले 10 वर्षों से सेवा में है। नए डायल-112 के पास 1,200 जीपीएस-युक्त एसयूवी वाहन होंगे, जिससे पुलिस की मौजूदगी बढ़ेगी, अपराध पर अंकुश लगेगा और जनता का भरोसा मजबूत होगा। इसका मुख्य केंद्र भोपाल स्थित सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर होगा, जहां लोकेशन-बेस्ड सिस्टम से कॉल करने वाले की सटीक लोकेशन मिलते ही नजदीकी फर्स्ट रिस्पॉन्स व्हीकल को रवाना किया जाएगा।
एक नंबर, कई सेवाएं
देश में इमरजेंसी नंबर-112 योजनांतर्गत प्रदेश की पुलिस आपातकालीन सेवा (112), स्वास्थ्य/ एम्बु्लेंस सेवा (108), अग्निशमन सेवा (101), महिला हेल्पलाइन (1090), नेशनल सायबर क्राईम हेल्पलाईन (1930), रेल मदद हेल्पलाईन (139), मध्यप्रदेश रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन – एक्सिडेंट रिस्पांस सर्विस (हाईवे टोल नाका 1099), राज्य प्राकृतिक आपदा प्रबंधन (एस.डी.एम.ए.-1079), राज्य परिवहन विभाग पेनिक बटन एवं गुप्तवार्ता विशेष शाखा पुलिस मुख्यालय महिला एवं चाईल्ड- हेल्प लाईन (181,1098) आदि सेवाओं को एक ही नम्बर 112 के साथ इंटीग्रेट किया गया है।
डायल-100 से डायल-112 तक का सफर
1 नवंबर 2015 को लॉन्च हुआ डायल-100 देश का पहला केंद्रीकृत, राज्य-स्तरीय पुलिस इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम था, जिसने शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में अपराध, सड़क दुर्घटनाओं और व्यक्तिगत संकटों में तत्काल मदद पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि, अधिकारियों के अनुसार, डायल-100 का दायरा पुलिस-केंद्रित ही रहा। बढ़ती जनता की अपेक्षाओं और जटिल आपात स्थितियों को देखते हुए नया मॉडल इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम कई सेवाओं को एक प्लेटफॉर्म पर लाकर काम करेगा।