
दिनभर की थकान दूर करने के लिए रात को कम से कम 7 घंटे सोना बेहद जरूरी है। लेकिन हमारी बिजी लाइफस्टाइल के कारण हम अक्सर पूरी नींद ले नहीं पाते हैं और हमारा स्लीप डेट बढ़ने लगता है।
इस वजह से हमारी फिजिकल और मेंटल हेल्थ, दोनों पर ही असर होता है। आइए जानते हैं कि स्लीप डेट होता क्या है, इसके नुकसान क्या हैं और इससे बचने के लिए हम क्या कर सकते हैं
स्लीप डेट क्या होता है?
स्लीप डेट तब होता है जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक अपनी जरूरत के अनुसार पूरी नींद नहीं ले पाता। इसे यूं समझ सकते हैं कि अगर किसी व्यक्ति को रोजाना 7-8 घंटे की नींद चाहिए, लेकिन वह केवल 5-6 घंटे ही सो पाता है, तो धीरे-धीरे उसका स्लीप डेट बढ़ता जाता है।
यह समस्या तब और गंभीर हो जाती है जब व्यक्ति लगातार कई दिनों या हफ्तों तक नींद पूरी नहीं कर पाता। इस स्थिति में शरीर और दिमाग दोनों पर काफी नेगेटिव असर पड़ता है।