झारखंड पर्यटन और सीसीएल के बीच एमओयू, माइनिंग टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा

झारखंड: पर्यटकों को खनन क्षेत्र में सुरक्षित तरीके से खनन प्रक्रिया को नजदीक से देखने का अवसर मिलेगा। इससे उन्हें खनन तकनीक, पर्यावरणीय प्रबंधन और खनिकों के कार्य जीवन को समझने का अनुभव प्राप्त होगा।

झारखंड में पर्यटन को नई दिशा देने की दिशा में एक अहम पहल की गई है। सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में झारखंड पर्यटन विकास निगम (JTDC) और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता (एमओयू) हुआ।

इस अवसर पर राज्य के पर्यटन मंत्री सुदीव्य कुमार सोनू और सीसीएल के वरीय अधिकारी मौजूद रहे। यह समझौता पांच वर्षों के लिए किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य में माइनिंग टूरिज्म (खनन पर्यटन) को बढ़ावा देना है। इसके तहत देश में पहली बार किसी ओपन कास्ट माइंस को पर्यटन के लिए खोला जाएगा।

प्रारंभिक चरण में रामगढ़ जिले की नॉर्थ उरीमारी माइंस को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस परियोजना के अंतर्गत JTDC पर्यटकों के 10 से 20 लोगों के छोटे समूहों की बुकिंग करेगा, जबकि CCL लॉजिस्टिक्स, सुरक्षा और मार्गदर्शकों की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा।

पर्यटकों को खनन क्षेत्र में सुरक्षित तरीके से खनन प्रक्रिया को नजदीक से देखने का अवसर मिलेगा। इससे उन्हें खनन तकनीक, पर्यावरणीय प्रबंधन और खनिकों के कार्य जीवन को समझने का अनुभव प्राप्त होगा। इसके साथ ही, पलानी जलप्रपात, पतरातू घाटी और तिरू फॉल्स जैसे आसपास के प्राकृतिक आकर्षणों को भी इस टूरिज्म सर्किट में शामिल किया जाएगा, जिससे एक समग्र पर्यटन अनुभव विकसित हो सके।

सरकार की योजना है कि राज्य में तीन विशेष माइनिंग टूरिज्म सर्किट तैयार किए जाएं, जिनमें इको माइनिंग सर्किट‑1, इको माइनिंग सर्किट‑2 और एक धार्मिक सर्किट है। इन सर्किटों के माध्यम से पर्यटन को न सिर्फ बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे स्थानीय रोजगार, आर्थिक गतिविधियाँ और राज्य की सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती मिलेगी।

पर्यटन विभाग की योजना के अनुसार, झारखंड में कई ऐसे कोयला खदान क्षेत्र हैं जो अब बंद हो चुके हैं। झारखंड पर्यटन विकास निगम (JTDC) ऐसे स्थलों को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने की दिशा में काम करेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इस पहल से झारखंड को एक नई पर्यटन पहचान मिलने की उम्मीद है।

Related Articles

Back to top button