
बिहार में इस बार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने चुनाव को और दिलचस्प बना दिया है. हालांकि उनकी एंट्री से नीतीश या तेजस्वी किसको फायदा होगा, इसको लेकर अब तक कोई क्लीयर जवाब नहीं दे पाया है. बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसके लिए चुनावी सरगर्मी बढ़ती जा रही है. राज्य में पहले महागठबंधन बनाम एनडीए की लड़ाई देखने को मिलती थी. इस बार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने इसे और दिलचस्प बना दिया है. हालांकि वरिष्ठ पत्रकार ने बताया है कि पीके की एंट्री महागठबंधन के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है.
सीनियर पत्रकार सतीश के. सिंह ने न्यूज तक के साथ बातचीत में कहा कि बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है. वैसे तो जेडीयू द्वारा लीड किए जा रहे एनडीए को बढ़त है, लेकिन प्रशांत किशोर की एंट्री से महागठबंधन को फायदा हो सकता है. प्रशांत किशोर जितने भी वोटर्स अपनी तरफ मोड़ेंगे तो उसका सीधा फायदा तेजस्वी को ही मिलने वाला है. आरजेडी के पास मुसलमान और यादवों का वोट बैंक है. दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी को दलित लोग वोट देंगे. इसकी मदद से वे लोग 30 फीसदी वोट अपने हक में कर सकते हैं.
प्रशांत किशोर ने क्या कहा था?
कुछ दिन पहले ही प्रशांत किशोर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वे बिहार में बदलाव के लिए आए हैं. वे चाहें तो 10 सीट भी जीत सकते हैं या एक भी नहीं, लेकिन अगर उनकी बात बिहार की जनता समझ जाती है तो वे इतनी सीटें जीतेंगे, जिनकी गिनती करना मुश्किल हो जाएगी.
सर्वे में तेजस्वी यादव CM फेस की पसंद
इस बीच कई सर्वे सामने आए हैं, जिनमें तेजस्वी यादव को सीएम पद के लिए सबसे ज्यादा लोग पसंद कर रहे हैं. उनके बाद दूसरे नंबर पर नीतीश कुमार है. दूसरी तरफ सीनियर पत्रकार ने दावा करते हुए कहा कि एनडीए नीतीश कुमार को ढो रही है. उनके पास दूसरा ऑप्शन नहीं है. एनडीए अगर जीत भी जाती है तो ताजपोशी उनकी ही होगी. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है.