
बजट आंकड़ों से पता चला है कि टैरिफ अमेरिकी सरकार के लिए राजस्व में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बन रहे हैं. जून में कस्टम ड्यूटी नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक टैरिफ रणनीति राजस्व के मामले में कारगर साबित हुई है. हालांकि, दुनिया के कई नेताओं ने उनके व्यापार के तरीकों की निंदा भी की, लेकिन ज्यादातर नेताओं ने जवाबी कार्रवाई से परहेज किया. इस कारण अमेरिका को न्यूनतम प्रतिरोध के साथ लगभग 50 अरब डॉलर का अतिरिक्त कस्टम रेवेन्यू (सीमा शुल्क) प्राप्त हुआ है.
फाइनेंशियल टाइम्स ने अपने आकलन में कहा, “अमेरिका के व्यापारिक साझेदार बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई करने में विफल रहे हैं.” उन्होंने आगे कहा कि ट्रंप जिन पर कभी हमेशा डरकर पीछे हटने का ताना मारा जाता था, अब इसका फायदा उठा रहे हैं.
चीन और कनाडा ने ही की जवाबी कार्रवाई
ट्रंप की तरफ से ट्रेड वॉर को बढ़ावा दिए जाने के बाद से पिछले चार महीनों में केवल चीन और कनाडा ने ही उनके द्वारा लगाए गए वैश्विक शुल्कों के विरुद्ध महत्वपूर्ण जवाबी कदम उठाए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें आयात पर न्यूनतम 10 प्रतिशत शुल्क, स्टील और एल्युमीनियम पर 50 प्रतिशत शुल्क और ऑटोमोबाइल पर 25 प्रतिशत का टैरिफ शामिल है.
कस्टम ड्यूटी कलेक्शन में अरबों डॉलर की वृद्धि
इस बीच शुक्रवार को अमेरिकी ट्रेजरी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दूसरी तिमाही में अमेरिकी कस्टम रेवेन्यू बढ़कर रिकॉर्ड 64 बिलियन डॉलर हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 47 बिलियन डॉलर अधिक है. इससे पहले ट्रेजरी विभाग ने बताया था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ में तेज़ी आने के कारण जून में कस्टम ड्यूटी कलेक्शन में फिर से वृद्धि हुई है. यह किसी वित्तीय वर्ष में पहली बार 100 अरब डॉलर के पार पहुंच गया.
चीन की जवाबी कार्रवाई का प्रभाव सीमित
बजट आंकड़ों से पता चलता है कि टैरिफ संघीय सरकार के लिए राजस्व में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनने लगे हैं. जून में कस्टम ड्यूटी नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई, जो सकल आधार पर चौगुना होकर 27.2 अरब डॉलर हो गई. रिपोर्ट के अनुसार चीन की जवाबी कार्रवाई का वित्तीय प्रभाव सीमित रहा है. अमेरिकी सामान पर टैरिफ से चीन का राजस्व मई 2025 में एक साल पहले की तुलना में केवल 1.9 प्रतिशत अधिक था. हालांकि, कनाडा की तरफ से अभी तक दूसरी तिमाही के आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं.