
ब्रिक्स संगठन की अध्यक्षता की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह साफ कर दिया है कि भारत की कोशिश इस संगठन को नए रूप में परिभाषित करने की होगी। ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स के अगले वर्ष का नेतृत्व भारतीय प्रधानमंत्री को सौंपा गया।
मोदी ने कहा- ‘अगले वर्ष भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता में हम सभी विषयों पर करीबी सहयोग जारी रखेंगे। हम ब्रिक्स को नए रूप से परिभाषित करने पर काम करेंगे। ब्रिक्स का मतलब होगा, बिल्डिंग रेसिलिएंस एंड इनोवेशन फार कोऑपरेशन एंड सस्टेनेबिलिटी (क्षमता निर्माण, सहयोग व सतत विकास के लिए अन्वेषण)।’
‘ब्रिक्स को मानवता प्रथम की भावना से आगे बढ़ाएंगे’
मोदी ने आगे कहा कि जिस तरह अपनी अध्यक्षता के दौरान हमने जी-20 को व्यापकता दिलाई, ग्लोबल साउथ के विषयों को एजेंडे में प्राथमिकता दिलाई, उसी तरह ब्रिक्स की अध्यक्षता के दौरान हम इस फोरम को आम जनता केंद्रित और मानवता प्रथम की भावना से आगे बढ़ाएंगे।
‘ब्रिक्स के सफल आयोजन में कोई कसर नहीं छोड़ेगा भारत’
पीएम के इस बयान से साफ है कि भारत ब्रिक्स के सफल आयोजन में कोई कसर नहीं छोड़ने जा रहा। अगले वर्ष ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में इसके 10 सदस्यों के अलावा 12 साझेदार देश और कम से कम 10-15 विशेष तौर पर आमंत्रित अन्य देशों के प्रमुखों के भारत आने की संभावना है।
चीन के राष्ट्रपति भी आ सकते हैं भारत
भारत अपने हितों व रिश्तों को देखकर विशेष तौर पर देशों को आमंत्रित करेगा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले वर्ष ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूस के राष्ट्रपति ब्लॉदिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग जैसे वैश्विक नेता भी भारत आ सकते हैं।
यह भी देखना होगा कि ब्रिक्स को लेकर ब्राजील बैठक में पीएम नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह से प्रतिबद्दता दिखाई है और इस संगठन की तारीफ की है उसको लेकर अमेरिका की प्रतिक्रिया कैसी होती है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ब्रिक्स को लेकर बहुत खुश नहीं हैं।