
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बहुचर्चित टैक्स और खर्च संबंधी बिल “वन बिग, ब्यूटीफुल बिल” अब अंतिम वोटिंग की ओर बढ़ रहा है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सबसे महत्वाकांक्षी टैक्स और खर्च योजना वाला बिल अब अमेरिकी संसद के निचले सदन (हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स) में अंतिम वोटिंग की ओर बढ़ रहा है. इस बिल को लेकर अमेरिका की राजनीति में जबरदस्त खींचतान रही है. ट्रंप इसे अपने संभावित दूसरे कार्यकाल का आधार मानते हैं, लेकिन इसे पास कराने में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा है. ट्रंप ने खुद इस बिल को “वन बिग, ब्यूटीफुल बिल” कहा है.
बिल में सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों में कटौती और तीन ट्रिलियन डॉलर का अतिरिक्त राष्ट्रीय कर्ज जोड़ने जैसे विवादित प्रस्ताव शामिल हैं. रिपब्लिकन पार्टी के कई सांसदों ने भी डेमोक्रेट्स के साथ मिलकर इसका विरोध किया है.
NRI और भारतीय प्रोफेशनल्स को मिली बड़ी राहत
इस विवादास्पद बिल में सबसे बड़ी राहत की खबर भारतीय प्रवासियों के लिए है. अमेरिका में रह रहे करीब 45 लाख भारतीयों को उस वक्त राहत मिली जब बिल के ताजा मसौदे में अंतरराष्ट्रीय मनी ट्रांसफर पर प्रस्तावित टैक्स दर को 5% से घटाकर सिर्फ 1% कर दिया गया. इससे उन भारतीयों को बड़ी राहत मिलेगी जो अपने घर पैसों का ट्रांसफर करते हैं.
बिल के जून 27 को जारी हुए संशोधित ड्राफ्ट में यह साफ किया गया कि यह टैक्स सिर्फ उन्हीं लोगों पर लागू होगा जो अमेरिका के निवासी हैं लेकिन अमेरिकी नागरिक नहीं हैं. इसमें ग्रीन कार्ड होल्डर, H-1B और H-2A वीजा पर काम करने वाले प्रोफेशनल्स और विदेशी छात्र भी शामिल हैं.
किन लेन-देन पर नहीं लगेगा टैक्स?
बिल में एक अहम बदलाव यह भी किया गया है कि कुछ खास प्रकार के मनी ट्रांसफर इस टैक्स से पूरी तरह छूटेंगे. मसौदे के अनुसार, अगर पैसे अमेरिकी बैंक के खाते से भेजे जा रहे हैं या ट्रांजैक्शन डेबिट/क्रेडिट कार्ड से हो रही है, तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
टैक्स केवल नकद, मनी ऑर्डर या कैशियर चेक के जरिए भेजे गए पैसों पर लागू होगा. इसका सीधा असर उन लाखों प्रवासी भारतीयों पर पड़ेगा जो पारंपरिक माध्यमों से भारत में अपने परिवारों को पैसे भेजते हैं.
कैसे हुआ बिल में बदलाव और क्यों है विवाद?
यह बिल मई में हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स से पास हो चुका था लेकिन सीनेट में सिर्फ एक वोट से पास होने के बाद कुछ संशोधनों के साथ वापस निचले सदन में भेजा गया. इनमें से सबसे अहम बदलाव मनी ट्रांसफर टैक्स को लेकर ही था. बिल का विरोध करने वालों का कहना है कि इससे अमेरिका का राष्ट्रीय कर्ज और भी बढ़ेगा और सामाजिक कल्याण योजनाएं कमजोर होंगी. लेकिन ट्रंप इसे अमेरिका की आर्थिक मजबूती की दिशा में बड़ा कदम बता रहे हैं.