
झारखंड में सतत विकास लक्ष्य (SDG) की उपलब्धियों को लेकर मंगलवार को मुख्य सचिव अलका तिवारी की अध्यक्षता में यूनिसेफ के कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य सचिव ने यूनिसेफ को राज्य के सभी संबंधित विभागों के साथ निरंतर समन्वय बनाए रखने और कार्यों की नियमित समीक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि झारखंड सरकार भी सतत विकास के लिए यूनिसेफ की ही तरह कार्य कर रही है। ऐसे में यूनिसेफ और राज्य सरकार द्वारा जुटाए गए डाटा एक-दूसरे के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं। उन्होंने विभागों के साथ यूनिसेफ को हर पखवाड़े बैठक करने का निर्देश भी दिया, ताकि योजनाओं में बेहतर तालमेल बन सके।
उन्होंने कहा कि इन बैठकों में यूनिसेफ अपने फील्ड अनुभव, कार्य और सुझाव साझा करे और यह सुनिश्चित करे कि बच्चों को केंद्र में रखकर सरकार की योजनाओं के साथ किस तरह और प्रभावी ढंग से कार्य किया जा सकता है। योजनाओं की निगरानी और परिणाम पर विशेष ध्यान देने की बात भी उन्होंने कही। मुख्य सचिव ने सामाजिक प्रक्षेत्र में अन्य राज्यों में यूनिसेफ द्वारा किए गए अच्छे कार्यों का अध्ययन कर झारखंड में उनके क्रियान्वयन हेतु ब्लू प्रिंट तैयार करने का सुझाव दिया। इसके साथ ही उन्होंने योजना विभाग के साथ एकीकृत पोर्टल पर डाटा साझा करने के निर्देश दिए ताकि डाटा के मेल में कोई असमानता न हो।
उन्होंने पोषण से जुड़ी समस्याओं और समाज के हाशिए पर खड़े वर्गों के सतत विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई। हाथ की सफाई को लेकर यूनिसेफ की जागरूकता पहल की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्रों में यूनिसेफ संबंधित विभागों के साथ मिलकर जागरूकता और सशक्तिकरण का कार्य करे। बैठक की शुरुआत में यूनिसेफ की झारखंड प्रमुख कानिनिका मित्रा और उनकी टीम ने राज्य में बच्चों के हित में किए जा रहे कार्यों और अब तक की उपलब्धियों को प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया। समीक्षा बैठक में सचिव मस्त राम मीणा, मनोज कुमार, मुकेश कुमार, उमाशंकर सिंह, मती नेहा अरोड़ा सहित यूनिसेफ के कई अधिकारी उपस्थित रहे।