दिल्ली की फ्यूल पॉलिसी ने बढ़ाई लोगों की टेंशन, पहले ही दिन पुलिस ने जब्त की इतनी गाड़ियां

 दिल्ली सरकार के नए नियम के अनुसार, अब 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल और CNG वाहनों और 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों को एंड-ऑफ-लाइफ (EOL) व्हीकल माना जाएगा.  देश की राजधानी दिल्ली में पुरानी गाड़ियों की एंट्री पर बैन का नियम 1 जुलाई से लागू हो गया है. पहले ही दिन इस नियम के चलते कई वाहनों पर कार्रवाई भी की गई. दिल्ली सरकार की नई पॉलिसी के तहत, 15 साल से पुराने पेट्रोल और CNG वाहनों और 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को अब किसी भी पेट्रोल पंप पर फ्यूल नहीं मिलेगा.

ऐसे में नियम लागू होने के पहले ही दिन करीब 80 वाहनों को जब्त किया गया है. इसके अलावा दूसरी तरफ, ट्रैफिक पुलिस ने कई व्हीकल ओनर्स को नोटिस भेजा है. दिल्ली पुलिस ने जिन वाहनों को जब्त किया है, उनमें 67 दोपहिया वाहन, 12 कार और 1 ऑटो रिक्शा शामिल हैं.

क्या है नई फ्यूल पॉलिसी? 

दिल्ली सरकार के नए नियम के अनुसार, अब 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल और CNG वाहनों और 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों को “एंड-ऑफ-लाइफ (EOL) व्हीकल” माना जाएगा. ऐसे सभी वाहन अब दिल्ली के किसी भी फ्यूल स्टेशन से पेट्रोल, डीजल या CNG नहीं भरवा सकेंगे.

इन पुराने वाहनों की पहचान के लिए राजधानी के सभी पेट्रोल पंपों पर ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन) सिस्टम लगाया गया है, जो नंबर प्लेट को स्कैन करके पता लगाएगा कि गाड़ी कितनी पुरानी है. यदि कोई वाहन तय समय सीमा से ज्यादा पुराना पाया गया, तो फ्यूल स्टेशन का अटेंडेंट उसे फ्यूल देने से मना कर देगा.

क्या हैं तैयारियां? 

सरकार ने इस नियम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सभी पेट्रोल पंप ऑपरेटर्स को SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) भी जारी की है. इसके तहत सभी फ्यूल स्टेशन पर बड़े-बड़े साइन बोर्ड लगाए जाएंगे ताकि वाहन मालिकों को इस नियम की स्पष्ट जानकारी मिल सके. साथ ही, कर्मचारियों को पुराने वाहनों की पहचान करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन वाहनों की एक लॉगबुक भी तैयार की जाएगी, जिन्हें फ्यूल देने से इनकार किया गया.

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