
रॉ के मौजूद चीफ रवि सिन्हा इसी महीने की 30 तारीख को रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में सरकार ने रॉ की ही एविएशन विंग, ARC के प्रमुख पराग जैन को देश की बाहरी इंटेलिजेंस की कमान संभालने की जिम्मेदारी सौंपी है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ महत्वपूर्ण इंटेलिजेंस मुहैया कराने वाले एविएशन रिसर्च सेंटर (ARC) के प्रमुख पराग जैन को सरकार ने नया रॉ (R&AW) चीफ नियुक्त करने का ऐलान किया है. पराग जैन, 1989 बैच के पंजाब कैडर के IPS ऑफिसर हैं और लंबे समय से कैबिनेट सेक्रेटेरिएट में अपनी सेवाएं दे रहे थे.
देश की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के मौजूद चीफ रवि सिन्हा इसी महीने की 30 तारीख को रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में सरकार ने रॉ की ही एविएशन विंग, ARC के प्रमुख पराग जैन को देश की बाहरी इंटेलिजेंस की कमान संभालने की जिम्मेदारी सौंपी है. रवि सिन्हा के रिटायरमेंट पर पराग जैन अपना पदभार संभालेंगे.
ARC ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान IAF को दी थी सटीक जानकारी
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एआरसी ने भारतीय वायुसेना को पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों की सटीक जानकारी दी थी. इन ठिकानों में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय शामिल थे. साथ ही पाकिस्तान के गैर-कानूनी कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जैश, लश्कर और हिजबुल मुजाहिद्दीन के टेररिस्ट लॉन्च पैड के कॉर्डिनेट्स भी एआरसी ने मुहैया कराए थे.
ऑपरेशन के दौरान एआरसी ने पाकिस्तान के एयरक्राफ्ट और एयर-स्पेस में निगरानी में भी अहम भूमिका निभाई थी. ऐसे में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी स्ट्राइक को अंजाम दिया. इन स्ट्राइक में पाकिस्तान के नौ (09) आतंकी ठिकाने और 11 एयरबेस शामिल थे, जिन्हें पूरी तरह से तबाह कर दिया गया था.
1962 में चीन युद्ध के दौरान हुई थी ARC की स्थापना
1962 में चीन यु्द्ध के दौरान एआरसी की स्थापना की गई थी. अब ये रॉ के ही टेक्निकल (एविएशन) विंग की तरह ऑपरेट करती है. इस विंग का कार्यक्षेत्र दुश्मन के सैन्य, संवेदनशील और गुप्त ठिकानों की एरियल निगरानी से लेकर इमेजरी शामिल है. वायुसेना की तरह ही एआरसी के खुद के टोही विमान और हेलीकॉप्टर हैं, जो इस काम में मदद करते हैं.
ऑपरेशन सिंदूर में रॉ की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण थी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, CDS जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख से अलग बैठक की थी, तो उस दौरान रॉ चीफ रवि सिन्हा भी मौजूद थे. हाल के वर्षों में रॉ ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के पांव उखाड़ने में अहम भूमिका निभाई है.