राजस्थान: पेपर लीक केस में RPSC के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा के खिलाफ ट्रायल को मंजूरी

राजस्थान एसओजी ने गुरुवार को ईडी की विशेष अदालत में आरपीएससी के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति की प्रति पेश की, इसके बाद कोर्ट ने मामले में ट्रायल चलाने की अनुमति दे दी। अब मामले में 30 जून को सुनवाई होनी है।

कटारा को पेपर लीक के आरोप में 18 अप्रैल 2024 को एसओजी ने गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप है कि वह आयोग से पेपर चुराकर अपने घर ले गया था। वहां उसने अपने भांजे विजय डामोर की मदद से पेपर को रजिस्टर में उतारा और इसके बाद 60 लाख रुपए में पेपर लीक माफिया अनिल मीणा को बेच दिया। मीणा ने 80 लाख में यह पेपर भूपेन्द्र सारण को बेचा। एसओजी ने कटारा सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था। बाद में ईडी की ओर से प्रकरण दर्ज करने पर मामले को सुनवाई के लिए ईडी कोर्ट भेजा गया लेकिन अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने के कारण मामले में कटारा के खिलाफ ट्रायल नहीं चल पा रहा था। सरकार ने कुछ दिन पहले ही कटारा के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी करने की अनुमति दी थी।

उदयपुर से खुला था राज
एसओजी ने बताया था कि पेपर लीक के सरगना चलती बस में अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले पेपर हल करवा रहे थे। उदयपुर जिले की बेकरिया थाना पुलिस ने 24 दिसंबर 2022 को इस बस को पकड़ा था। बस में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के 49 अभ्यर्थी परीक्षा से पहले पेपर हल कर रहे थे। इसके बाद पूरे घटनाक्रम का खुलासा हुआ। एसओजी के अनुसार कटारा को इस परीक्षा के पेपर और उत्तर कुंजी तैयार करने का दायित्व मिला था लेकिन उसने पेपर लीक कर दिया। कटारा के घर से 51.20 लाख रुपए नकद व 541 ग्राम सोने के आभूषण बरामद हुए थे।

30 जून को होगी मामले की सुनवाई
एसओजी की ओर से विशेष लोक अभियोजक बीएस चौहान ने अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर आरोपी के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी करने वाले कार्मिक विभाग के अधिकारी को भी अ गवाह बनाने की अनुमति मांगी है। अदालत मामले में तीस जून को सुनवाई करेगी।

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