
अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर साइप्रस भारत के पक्ष में रहा है. सिक्योरिटी काउंसिल में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने के लिए पीएम मोदी ने साइप्रस का आभार जताया. भारत ने पाकिस्तान का साथ देने वाले तुर्किए की दुखती रग पर हाथ रख दिया है. पाकिस्तान को हथियार सप्लाई करने वाले एर्दोगन ने कभी सोचा भी नहीं होगा भारत ऐसी चाल चलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दो दिवसीय यात्रा पर साइप्रस पहुंचे. इस यात्रा के दौरान वह द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लेकर वहां के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के साथ बातचीत हुई. इसके बाद पीएम मोदी G7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कानाडा रवाना होंगे.
भारत ने तुर्किए को दिया साफ संदेश
पीएम मोदी की साइप्रस ऐसे समय में हो रही है जब मिडिल ईस्ट में ईरान और इजरायल एक-दूसरे पर ड्रोन से हमला कर रहा है. इस वह से पीएम मोदी का विमान अरब सागर, सोमालिया, इथियोपिया, इरीट्रिया और मिस्र होते हुए साइप्रस पहुंचा. यह यात्रा ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई, जिसे तुर्की के लिए भारत का सीधा संदेश माना जा रहा है. साइप्रस ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की थी और संकेत दिया था कि वह यूरोपीय संघ स्तर की चर्चाओं में पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे को उठाएगा.
इस मुद्दे पर साइप्रस ने किया भारत का समर्थन
भारत अब भूमध्यसागर और यूरोप में अपने रिश्तों को नए सिरे से लिखने की कोशिश कर रहा है, जिस वजह से पीएम मोदी के इस रिश्ते को अहम माना जा रहा है. पीएम मोदी ने क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म के विरुद्ध भारत की लड़ाई में साइप्रस के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया. पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद, ड्रग्स और आर्म्स की तस्करी की रोकथाम के लिए हमारी एजेंसी के बीच रियल टाइम इंफॉर्मेशन एक्सचेंज का मैकेनिज्म तैयार किया जाएगा. सिक्योरिटी काउंसिल में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने के लिए पीएम मोदी ने साइप्रस का आभार जताया.
साइप्रस के साथ है भारत का पुराना रिश्ता
भूमध्यसागर में स्थित साइप्रस को 1960 में अंग्रेज से मिली आजादी के बाद ही ग्रीक और तुर्किए मूल के साइप्रस निवासियों के बीच तनाव शुरू हो गया. 1974 में ग्रीस की सैन्य तानाशाही (जुंटा) के समर्थन से साइप्रस में एक तख्तापलट किया गया. इसके बाद तुर्किए ने अपने यहां के साइप्रसियों की रक्षा का हवाला देते हुए साइप्रस पर हमला कर दिया. हालांकि बाद में वहां वैध सरकार बहाल की गई, लेकिन तुर्किए की सेना साइप्रस के उत्तरपूर्वी हिस्से में बनी रही.
इस मुद्दे पर भारत लगातार संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत समाधान का समर्थन करता आया है. भारत ने साइप्रस में संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा बल (UNFICYP) में बड़ी भूमिका निभाई है. भारत की इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) योजना में साइप्रस एक अहम कड़ी है, जो भारत को मिडिल ईस्ट और यूरोप से जोड़ता है.
साइप्रस में समुद्री ऊर्जा संसाधन भी हैं, जहां भारत सहयोग करना चाहता है. साल 2026 में साइप्रस यूरोपीय संघ की अध्यक्षता करेगा, जो भारत-यूरोप फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के लिए भारत को यूरोप में मजबूत साझेदार दिलाने में मदद कर सकता है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सोमवार (16 जून 2025) को साइप्रस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस तृतीय से सम्मानित किया गया.