गौतम अडानी का 2027 तक एयरपोर्ट यूनिट का IPO लाने का है प्लान, इस वजह से लिया जा रहा यह फैसला

अडानी ग्रुप 2027 तक अपनी एयरपोर्ट यूनिट के लिए आईपीओ लाने की तैयारी में है. इससे जुटाई गई रकम 100 बिलियन डॉलर का इस्तेमाल विभिन्न व्यवसायों में निवेश करने के लिए किया जाएगा.  देश के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति और जाने-माने उद्योगपति गौतम अडानी आईपीओ लाने का प्लान बना रहे हैं. ब्लूमबर्ग की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रुप 2027 तक अपनी एयरपोर्ट यूनिट के लिए आईपीओ लाने की तैयारी में है. इससे जुटाई गई रकम इस्तेमाल आने वाले सालों में विभिन्न व्यवसायों में निवेश करने के लिए किया जाएगा. आईपीओ लाने का फैसला कंपनी ने 100 अरब डॉलर के अपने कैपिटल एक्सपेंडिचर प्लान के तहत उठाया है. इस आईपीओ के जरिए निवेशकों से करीब 1 अरब डॉलर की इक्विटी जुटाई जा सकती है. 

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि भारत में प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े एयरपोर्ट ऑपरेटर अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स के मार्च 2027 तक डीमर्ज होने और शेयर बाजार में लिस्ट होने की संभावना है. फिलहाल अडानी एंटरप्राइजेज के पास अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स का मालिकाना हक है. यह कंपनी इस वक्त देश के आठ एयरपोर्ट्स को ऑपरेट करती है. कंपनी का प्लान अगले कुछ महीनों में मुंबई के बाहरी इलाके में एक नया टर्मिनल खोलेने का भी है. \

पूंजीगत व्यय बढ़ा रही है कंपनी 

अडानी ग्रुप की योजना अगले पांच से छह सालों में 100 बिलियन डॉलर खर्च करने की है. इसके तहत एनर्जी, लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर के सेगमेंट को मजबूत बनाया जाएगा और उनका दायरा बढ़ाया जाएगा. इसके लिए कंपनी अधिक से अधिक कैपिटल जुटाने की तैयारी में है.

साल 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च के अडानी ग्रुप पर लगाए धोखाधड़ी के आरोपों के बाद कंपनी के शेयरों में गिरावट आई थी. इसके अलावा, पिछले साल नवंबर में अमेरिकी न्याय विभाग ने गौतम अडानी और उनके भतीजे पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया था. इससे भी अडानी समूह के शेयरों की कीमत में काफी गिरावट आई थी. हालांकि, इन दोनों ही मामलों में अडानी ग्रुप ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों से इंकार किया था. 

चीन के दौरे पर गए गौतम अडानी 

गौतम अडानी पिछले हफ्ते औद्योगिक उपकरण और सोलर मॉड्यूल निर्माताओं से मिलने के लिए चीन के दौरे पर गए. यह अमेरिका में रिश्वतखोरी के आरोपों का सामना करने के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा थी. दरअसल, अडानी ग्रुप गुजरात में एक सोलर पार्क बना रहा है और चीन सोलर मॉड्यूल व सोलर सेल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है. अडानी की इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध को मजबूत बनाना था. 

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