तिरुपति लड्डू विवाद: TDP नेता का दावा, बोले- ‘मिलावटी घी की आपूर्ति हुई थी, CBI ने किया कंफर्म’

तिरुपति मंदिर के लड्डू में मिलावट के मामले को लेकर TDP के नेता ने बड़ा दावा किया है। TDP नेता कोम्मारेड्डी पट्टाभि राम ने दावा किया है कि CBI ने स्पष्ट किया है कि मंदिर में मिलावटी घी की आपूर्ति हुई थी। आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद में मिलावट के आरोप को लेकर बीते साल राज्य समेत पूरे देश में काफी हंगामा देखने को मिला था। अब एक बार फिर से इस बारे में चर्चा शुरू हो गई है। दरअसल, शुक्रवार को राज्य में सत्ताधारी दल TDP के नेता कोम्मारेड्डी पट्टाभि राम ने बड़ा दावा कर दिया है। उन्होंने कहा है कि तिरुपति में मिलावटी घी की आपूर्ति की गई थी और सीबीआई की अध्यक्षता वाली एसआईटी ने भी इस बात को स्पष्ट कर दिया है।

टीडीपी नेता ने क्या दावा किया?

टीडीपी नेता कोम्मारेड्डी पट्टाभि राम ने कहा- “CBI के नेतृत्व वाली SIT ने ये साफ कर दिया है कि भोले बाबा डेयरी जो कि जगन रेड्डी सरकार के दौरान एचआर फूड्स और वैष्णवी डेयरी के माध्यम से TTD को घी की सप्लाई कर रही थी, उसने असल में मिलावटी घी की आपूर्ति की थी। ये बिल्कुल भी शुद्ध घी नहीं था। इस मिलावटी घी को कुछ रासायनिक पदार्थों और कई अन्य सामाग्रियों से तैयार किया गया था। यह जानवरों की चर्बी हो सकती है, जैसा कि लैब रिपोर्ट कह रही है।” कोम्मारेड्डी पट्टाभि ने आगे कहा- “हमें अंतिम जांच रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में आरोपी की जमानत याचिका पर बहस के दौरान CBI के नेतृत्व वाली SIT ने ये साफ कर दिया था कि ये मिलावटी घी है। ये खबर सुनना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है।”

क्या है मिलावट का पूरा मामला?

दरअसल, बीते साल सितंबर महीने में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अपने पूर्ववर्ती जगन रेड्डी सरकार पर तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट के आरोप लगाए थे। नायडू ने तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद को बनाने में जानवर की चर्बी वाले घी के इस्तेमाल होने की बात कही थी। इस मामले को लेकर काफी राजनीतिक हंगामा मचा था। इसके बाद मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने नौ सदस्यों की SIT का गठन किया गया था। ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या निर्देश दिया था?

तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद में मिलावट के विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। इस एसआईटी में केंद्रीय एजेंसी के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेश पुलिस के दो अधिकारी और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का एक अधिकारियों को रखा गया था।


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