सीएम मोहन यादव ने शीतलदास बगिया की सफाई की, सफाईकर्मियों का किया सम्मान, देखें तस्वीरें

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार (27 मई) को भोपाल में शीतलदास की बगिया की सफाई की. इस मौके पर उन्होंने सफाई कार्य में सहयोग करने वाले सफाई मित्रों का सम्मान भी किया. दरअसल, प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान जोरों पर है. इसके तहत सरकार जल के संरक्षण और पुराने स्रोतों के नवीनीकरण से जुड़े काम बड़े स्तर पर कर रही है.
सीएम डॉ. यादव ने भोपाल में पुरानी बावड़ी के जीर्णोद्धार कार्य का निरीक्षण किया और उससे संबंधित जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए. इस अभियान को लेकर सीएम डॉ. यादव ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा देश भर में मंदिरों एवं घाटों का निर्माण करवाया गया. लोकमाता अहिल्याबाई जी के 300वीं जयंती वर्ष में उनके संकल्पों को आत्मसात कर हमारी सरकार भी जलस्रोतों को संरक्षित करने के लिए समर्पित है.

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, ”प्रदेश में जल स्रोतों के संरक्षण के लिए जल गंगा संवर्धन अभियान संचालित किया जा रहा है. भोपाल नगर निगम द्वारा 22 बावड़ियों को संरक्षित करने का प्रयास किया गया. आज भोपाल में पुरानी बावड़ी के जीर्णोद्धार कार्य का निरीक्षण किया है. संरक्षण की इस पहल से न केवल जल स्रोत संवरेंगे, बल्कि हमारी धरोहर भी संरक्षित होगी.”

उन्होंने कहा, ”प्रदेश सरकार जल स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन के लिए सतत प्रयासरत है. इसी कड़ी में जल गंगा संवर्धन अभियान प्रदेश में एक व्यापक जनआंदोलन के रूप में संचालित किया जा रहा है. जल गंगा संवर्धन अभियान केवल जल बचाने की पहल नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित और समृद्ध भविष्य देने का संकल्प है.”

सीएम डॉ. मोहन यादव ने शीतलदास की बगिया में हुए श्रमदान की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी शेयर कीं. उन्होंने इन्हें लेकर लिखा, ”जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत घाटों के पुनरुत्थान, रखरखाव, साफ-सफाई एवं संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ते हुए आज भोपाल में शीतलदास की बगिया घाट पर स्वच्छता हेतु श्रमदान में सहभागिता की. साथ ही सफाई मित्रों को सम्मानित कर उनके सेवा भाव को नमन किया. हमारी सरकार जल गंगा संवर्धन अभियान को जनांदोलन बनाकर जल स्रोतों के संरक्षण, स्वच्छता और उनके पुनर्जीवन के लिए संकल्पित है.”

मध्य प्रदेश की मोहन सरकार पानी बचाने के लिए अभियान चला रही है. इसके लिए स्कूलों से लेकर सड़कों तक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं. यह अभियान 30 मार्च से शुरू हुआ है. इस 90 दिवसीय अभियान की शुरुआत वर्ष प्रतिपदा के दिन उज्जैन की क्षिप्रा नदी से की गई. इसका समापन 30 जून को होगा. इस मुहिम की थीम ‘जन सहभागिता से जल स्त्रोतों का संवर्धन एवं संरक्षण’ रखी गई है. इस अभियान के तहत पौधरोपण-जल स्रोतों का पुनर्जीवन किया जा रहा है. गांव-गांव में जल संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम हो रहे हैं. वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्य किए जा रहे हैं. ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों के प्रमुख चौराहों पर प्याऊ की व्यवस्था की जा रही है. स्कूलों में बच्चों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए मुहिम चलाई जा रही है.

Related Articles

Back to top button