लखनऊ वालों के लिए अच्छी खबर, चारबाग से बसंतकुंज तक मेट्रो कॉरिडोर को मिली वित्तीय मंजूरी, जानें- रूट

चारबाग से बसंतकुंज तक मेट्रो रूट कॉरिडोर की कुल लंबाई 11.165 किमी होगी. इसके निर्माण में 5801 करोड़ रुपये तक की लागत आएगी. इसे वित्तीय मंजूरी मिल गई है. लखनऊ में चारबाग से बसंतकुंज तक मेट्रो ईस्ट-वेस्ट  कॉरिडोर को लेकर सालों का इतंजार खत्म हो गया है. इस योजना को वित्तीय मंजूरी मिल गई है. अब इसे केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलना बाकी है. कैबिनेट से मुहर लगने के बाद इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. इस मेट्रो कॉरिडोर को बनने में चार से पांच साल तक का समय लगेगा. जिससे शहर की एक बड़ी आबादी को आवागमन में सुविधा मिलेगी और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं से भी राहत मिलेगी. 

चारबाग से बसंतकुंज तक मेट्रो रूट कॉरिडोर की कुल लंबाई 11.165 किमी की होगी. इसके निर्माण में 5801 करोड़ रुपये तक की लागत आएगी. इसके लिए पब्लिक इंवेस्टमेंट बोर्ड यानी पीआईबी की ओर से मंजूरी दे दी गई है और अब इसे केंद्रीय कैबिनेट से हरी झंडी मिलना बाकी है. कैबिनेट को इसका डीपीआर बनाकर भेज दिया गया है. माना जा रहा है  कि कैबिनेट से भी जल्द ही इस पर मुहर लग जाएगी. 

11 किमी लंबा बनेगा कॉरिडोर
चारबाग से बसंतकुंज कॉरिडोर के डीपीआर को यूपी सरकार की ओर से पिछले साल मार्च महीने में ही मंजूरी दे दी गई थी. जिसके बाद नौ जुलाई 2024 को नेटवर्किंग प्लानिंग ग्रुप की ओर से भी इजाजत मिल चुकी है. लखनऊ में अभी तक मेट्रो रेल अमौसी (चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट) से मुंशीपुलिया तक चलती है. ये इस मेट्रो का दूसरा फेस होगा. चारबाग से बसंतकुंज तक मेट्रो कॉरिडोर बनने के बाद नए रूट की कुल लंबाई 35 किमी तक हो जाएगी. अभी तक अमौसी और मुंशीपुलिया के बीच 23 किमी लंबी लाइन है. 

इस कॉरिडोर में 12 स्टेशन होंगे जो चारबाग से गौतमबुद्ध मार्ग, अमीनाबाद, पांडेगंज, सिटी रेलवे स्टेशन, मेडिकल चौराहा, चौक, ठाकुरगंज, बालागंज, सरफराजगंज और मूसाबाग होते हुए बंसतकुंज तक जाएगा. चारबाग स्टेशन नए कॉरिडोर के लिए इंटरचेंज स्टेशन होगा. इसके बनने के बाद लखनऊ के अमीनाबाद, ठाकुरंगज तक की कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी. इस कॉरिडोर में 4.2 किमी एलिवेटेड लाइन होगी और 6.8 किमी सेक्शन भूमिगत होगा. चारबाग स्टेशन से लोग एक से दूसरे रूट के लिए मेट्रो बदल सकेंगे. कैबिनेट से डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद इस कॉरिडोर पर काम शुरू हो जाएगा. कॉरिडोर के लिए ग्राउंड वर्क और रिसर्च डेटा पहले ही पूरा किया जा चुका है. 

मेट्रो रेल किसी भी शहर के लिए आज लाइफ़लाइन बन चुकी है और लोगों की पहली पसंद हैं. बिना किसी ट्रैफिक जाम के इसके जरिए लोग समय से अपने गंतव्य स्थल तक पहुंच सकते हैं. इसके बनने के बाद लखनऊ की कनेक्टिविटी में सुधार आएगा. 

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