
योगी सरकार की इस पहल ने न केवल शिक्षा को सुलभ बनाया है, बल्कि हजारों परिवारों को आत्मनिर्भरता और सामाजिक सम्मान की ओर भी अग्रसर किया है.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम दर्ज की है. गरीब और वंचित तबके के बच्चों को अब शिक्षा के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. सरकार ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत अब तक 1,26,293 बच्चों को प्रदेश के निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिला दिलाया है. यह कदम बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने के साथ-साथ सामाजिक न्याय की दिशा में भी मजबूत कड़ी बन रहा है.
बेसिक शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में RTE के तहत कुल 1,85,675 सीटें आवंटित की गई थीं, जिनमें से 68 प्रतिशत सीटों पर दाखिला पूरा हो चुका है. यह आंकड़ा बताता है कि सरकार की नीति न केवल कागज़ों तक सीमित है, बल्कि जमीनी स्तर पर इसका असर भी दिख रहा है.
चार चरणों में चला दाखिले का अभियान
यह पूरा अभियान पारदर्शी तरीके से चार चरणों में चलाया गया. इसमें 3.34 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से करीब 2.52 लाख आवेदन स्वीकृत किए गए. फिर 1.85 लाख बच्चों को निजी विद्यालय आवंटित किए गए और अब तक 1.26 लाख बच्चों का दाखिला पूरा हो चुका है.
बस्ती, ललितपुर, फिरोजाबाद जैसे जिलों ने दिखाया शानदार प्रदर्शन
इस योजना में बस्ती जिला सबसे आगे रहा, जहां 94% सीटें भर गईं. ललितपुर और फिरोजाबाद ने भी 93% दाखिले के साथ बेहतरीन प्रदर्शन किया. बलरामपुर, प्रतापगढ़, श्रावस्ती, हरदोई, एटा, देवरिया और जौनपुर जैसे जिले भी शामिल हैं जहां 88% से 92% तक बच्चों को दाखिला मिला.
‘सरकार का उद्देश्य: हर बच्चे को मिले शिक्षा का अधिकार’
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि यह सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, यह उन गरीब परिवारों की उम्मीदें हैं जो अब अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर या अफसर बनते देख सकेंगे. उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि हर बच्चे को उसकी सामाजिक या आर्थिक स्थिति चाहे जो हो, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का हक जरूर मिले.”
RTE क्या है?
शिक्षा का अधिकार अधिनियम यानी RTE (Right to Education) 2009 में लागू हुआ था. इसके तहत 6 से 14 साल तक के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा देने का प्रावधान है. इस कानून के तहत निजी स्कूलों को अपनी 25% सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और वंचित समूह (DG) के बच्चों के लिए आरक्षित रखनी होती हैं.