UP में 30% महंगी होगी बिजली! 19,600 करोड़ रुपये का अंतर कम करने के लिए जनता की जेब पर नजर!

उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को तगड़ा झटका लग सकता है. उर्जा निगम ने वार्षिक राजस्व आवश्यकता प्रस्ताव दाखिल किया है. पावर कार्पोरेशन ने  विद्युत नियामक आयोग में संशोधित वार्षिक राजस्व आवश्यकता प्रस्ताव दाखिल किया है. इसमें वित्तीय वर्ष 2025-26 में 19600 करोड़ का घाटा दिखाते हुए विद्युत दरों में करीब 30 फीसदी बढोतरी का प्रस्ताव दिया है.

विभाग UP की बिजली दरों में 30% बढ़ोत्तरी के प्रयास में जुट गया है. UPPCL ने विद्युत नियामक आयोग में आय-व्यय के आंकड़े दाखिल किए. UPPCL ने 19 हजार 600 करोड़ के राजस्व का अंतर दिखाया. अब UPPCL 19,600 करोड़ के राजस्व अंतर के आधार पर 30% बिजली दरों में बढ़ोत्तरी के प्रयास में लग गया है. बताया गया कि UP में 5 वर्ष से बिजली दरें नहीं बढ़ी हैं जिससे राजस्व अंतर 12.4% बढ़ गया है. UPPCL ने नियामक आयोग में आंकडे पेश कर अब और अधिक घाटा न सह पाने की बात कही है. अगर इन प्रस्तावों को माना जाता है कि यूपी में अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा बिजली के दाम बढ़ेंगे.

नियामक आयोग ने UPPCL के प्रस्ताव पर लगाई मुहर तो उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगेगा. उधर, राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा  ने कहा कि UPPCL ने  गलत आंकड़े पेश किएऔर किसी भी हाल में बिजली का बिल नहीं बढ़ने दूंगा. अवधेश वर्मा ने कहा आज जनता प्रस्ताव दाखिल करूंगा और उपभोक्ताओं का 35,000 करोड़ के करीब में uppcl के ऊपर बकाया है.

उन्होंने कहा कि जनता प्रस्ताव में बिजली बिल को 45 से 50 फ़ीसदी कम करने का प्रस्ताव रखूंगा.  उन्होंने कहा यह सब कुछ निजी कंपनियों को खुश करने के लिए किया जा रहा है, विभाग के द्वारा और सरकार की छवि धूमिल की जा रही है.

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