
राजधानी में अवैध कब्जों और संचालित हो रहीं व्यावसायिक गतिविधियों के कारण फुटपाथ पर पैदल चलना दूभर हो गया है। फुटपाथ पर स्थायी और अस्थायी अतिक्रमण हो रखा है। ऐसे में पैदल चलने वालों के लिए हर समय खतरा बना रहता है। इसका खामियाजा पैदल यात्रियों को अपनी जान गंवाकर भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि फुटपाथ पर जगह न होने के कारण उन्हें मजबूरन सड़कों पर पैदल चलना पड़ रहा है, ऐसे में उनके साथ दुर्घटनाएं हो रही हैं।
द्वारका मोड़, नवादा, उत्तम नगर, लाल किला, चांदनी चौक, बल्लीमारान, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, दरियागंज, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, चांदनी चौक, शाहदरा, भजनपुरा लक्ष्मी नगर, निर्माण विहार, प्रीत विहार और आनंद विहार क्षेत्र में जहां नजर घुमाओ, वहां अतिक्रमण देखने को मिलता है। फुटपाथ पर रेहड़ी-पटरी वालों का कब्जा है। बसों के जाने के लिए बनी सर्विस रोड पर भी हमेशा गाड़ियां खड़ी रहती हैं।
उत्तम नगर पूर्व में सड़क और फुटपाथ पर अवैध पटरियां लगती हैं, जिससे आने-जाने वाले लोगों को बहुत परेशानी होती है। स्थानीय निवासी राहुल सिंह ने बताया कि पंखा रोड से उत्तम नगर मेट्रो की ओर जाता हूं, तो रेहड़ी-पटरी लगी रहती है। ऐसे में फुटपाथ की बजाए सड़क पर चलना मजबूरी है। सड़क से बसें तेज गति में गुजरती हैं, इससे कभी भी कोई अप्रिय घटना हो सकती है।
रोड एक्सीडेंट डेथ रिपोर्ट-2023 के भयानक आंकड़े
राजधानी में वर्ष 2023 सड़क दुर्घटनाओं के मामले में पैदल यात्रियों के लिए काल साबित हुआ। दिल्ली पुलिस की ‘रोड एक्सीडेंट डेथ रिपोर्ट-2023’ के अनुसार, 43 प्रतिशत सड़क हादसों के शिकार पैदल यात्री हुए, फुटपाथ पर अतिक्रमण इसकी एक प्रमुख वजह है। पूरे साल के दौरान कुल सड़क दुर्घटनाओं में 1457 लोगों की मौत हुई। इनमें 43 फीसदी यानी 622 पैदल यात्री थे। इस कारण पैदल यात्रियों को रोजाना जाम, असुरक्षा और दुर्घटना के डर का सामना करना पड़ता है। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
कनॉट प्लेस तक समस्या से अछूता नहीं
चांदनी चौक की मुख्य सड़क पर और दिगंबर जैन लाल मंदिर के पीछे बनी दुकानों के संचालक भी अपनी दुकान का माल 5-10 फीट तक फुटपाथ पर आगे बढ़ाकर लगाते हैं, जिससे राहगीरों के आने-जाने के लिए सिर्फ 3-5 फीट जगह ही बचती है। यही नहीं, पूर्वी दिल्ली के शाहदरा जिले में आने वाले झील-खुरेजी रोड के फुटपाथ, सर्विस रोड और यहां तक कि मुख्य सड़क पर भी वाहनों की अवैध पार्किंग रहती है। कुछ ऐसा ही हाल गीता काॅलोनी का भी है। कनॉट प्लेस तक इससे अछूता नहीं है। तमाम जगहों पर तो दुकानदारों ने अपनी दुकानों का विस्तार कर फुटपाथ पर स्थायी कब्जा कर लिया है।