
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के नॉर्थ कैंपस में बुधवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ के समर्थन में एक विशेष जागरूकता दौड़ का आयोजन किया गया। ‘रन फॉर वन नेशन, वन इलेक्शन’ नामक इस दौड़ को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और दिल्ली सरकार के मंत्री आशीष सूद ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और स्वयं भी इसमें भाग लिया। इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह समेत कई गणमान्य अतिथि और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। आयोजन स्थल — डीयू का रग्बी स्टेडियम — देश में चुनाव सुधारों और संसाधन प्रबंधन को लेकर नई सोच का केंद्र बन गया।
केंद्रीय मंत्री प्रधान का वक्तव्य: 2047 तक भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में अहम कदम
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा:
“आज ‘एक देश, एक चुनाव’ देश की जरूरत बन गई है। यह केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय आंदोलन बन चुका है। अगर हम चाहते हैं कि भारत 2047 तक एक वैश्विक आर्थिक शक्ति बने, तो हमें बार-बार होने वाले चुनावों से बचते हुए संसाधनों का समुचित उपयोग करना होगा।” उन्होंने यह भी बताया कि बार-बार चुनाव होने से न केवल समय और धन की बर्बादी होती है, बल्कि प्रशासनिक संसाधनों का बंटवारा भी विकास कार्यों से ध्यान हटा देता है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की टिप्पणी: लोकतंत्र को मजबूत करने का उपाय
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा:
“हर बार चुनाव कराने पर हजारों करोड़ रुपये खर्च होते हैं। शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों को उनके मुख्य कार्यों से हटाकर चुनाव कार्यों में लगाया जाता है, जिससे शिक्षा और प्रशासन पर असर पड़ता है। अगर चुनाव एक साथ कराए जाएं तो यह खर्च बचाया जा सकता है और उन पैसों को देश के विकास में लगाया जा सकता है।” उन्होंने इसे एक ऐसा समाधान बताया जो लोकतंत्र को अधिक संगठित और प्रभावी बना सकता है।
कुलपति योगेश सिंह और युवाओं की भागीदारी
डीयू के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों का कर्तव्य है कि वे लोकतंत्र को मजबूती देने वाली पहलों में भाग लें और युवाओं को जागरूक करें। दौड़ में भाग लेने वाले छात्रों ने इस मुहिम को लेकर उत्साह और समर्थन जताया।