
दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने मौजूदी आबकारी नीति को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है. इसको लेकर विभाग की तरफ से सर्कुलर जारी किया गया है. दिल्ली सरकार ने बुधवार (26 मार्च) को मौजूदा आबकारी नीति को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया, हालांकि नए संस्करण पर कोई फैसला नहीं हुआ. आबकारी विभाग की ओर से जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि अथॉरिटी ने 2024-25 के लिए स्वीकृत नियमों और शर्तों के अनुसार रजिस्टर्ड शराब ब्रांडों की बिक्री के लिए मौजूदा एल-1/एल-1एफ/एल-2 लाइसेंसधारियों की वैलिडिटी को उनके मौजूदा मूल्य पर 30 जून, 2025 तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी है.
एल-1, एल-1एफ और एल-2 क्रमशः भारतीय शराब, विदेशी शराब और बीयर की बिक्री के लिए थोक लाइसेंस हैं. सर्कुलर में कहा गया है कि 1 अप्रैल से 30 जून तक तीन महीने की इस एक्सटेंड पीरियड का लाभ उठाने के इच्छुक लाइसेंसधारियों को उस अवधि के लिए आनुपातिक आधार पर तीन महीने की फीस जमा करनी होगी.
एक्सटेंडेड पॉलिसी, जिसे पुरानी एक्साइज पॉलिसी के रूप में भी जाना जाता है, सितंबर 2022 में लागू हुई थी, जब तत्कालीन आप सरकार ने अपनी सुधारात्मक नीति (2021-22) को रद्द कर दिया था, जो इसके निर्माण में कथित अनियमितताओं के आरोपों के बीच मुश्किलों में घिर गई थी. पुरानी नीति को अलग-अलग अवधि के लिए बढ़ाया जाता रहा है, क्योंकि दिल्ली सरकार अभी तक नई नीति लेकर नहीं आई है. इसे पिछली बार सितंबर 2024 में छह महीने की अवधि के लिए 31 मार्च 2025 तक बढ़ाया गया था. अधिकारियों ने कहा कि आबकारी विभाग द्वारा तैयार 2023-24 के लिए नई नीति का मसौदा सरकार के पास है.
पुरानी नीति का उद्देश्य पिछली आप सरकार द्वारा 2021-22 के लिए नई आबकारी नीति को अचानक रद्द करने के कारण नियामक शून्यता को रोकने के लिए एक अस्थायी उपाय के रूप में था, जब उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.
दिल्ली में शराब व्यापार में सुधार के उद्देश्य से नई नीति (2021-22) 17 नवंबर, 2021 को लागू की गई थी और यह 31 अगस्त, 2022 को समाप्त हो गई. नीति के तहत, दिल्ली सरकार ने खुदरा शराब की बिक्री बंद कर दी, जिससे निजी पार्टियों को उदार आबकारी व्यवस्था के तहत शहर भर में शराब की दुकानें चलाने की अनुमति मिल गई.