
ओडिशा विधानसभा ने सदन में अनुशासनहीनता के आरोप में कांग्रेस के दो और विधायकों को 7 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है। इन विधायकों में ताराप्रसाद बहिनीपति और रमेश जेना शामिल हैं। दोनों के निलंबन के साथ अब तक 14 विधायकों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
ओडिशा विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने बुधवार को कांग्रेस के दो और विधायकों को सदन में अनुशासनहीनता के आरोप में सात दिनों के लिए निलंबित कर दिया। इन विधायकों में ताराप्रसाद बहिनीपति और रमेश जेना शामिल हैं। इसके साथ ही, कांग्रेस के अब तक 14 विधायकों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
सदन में सरकार के मुख्य सचेतक सरोज कुमार प्रधान द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव के बाद विधानसभा अध्यक्ष पाढ़ी ने दोनों विधायकों के निलंबन की घोषणा की। दोनों विधायक प्रश्नकाल के दौरान सदन के वेल में घंटी बजाते हुए देखे गए थे।
12 विधायकों के निलंबन का विरोध कर रहे थे बहिनीपति और जेना
इससे पहले, मंगलवार को सदन में अनुशासनहीनता के आरोप में कांग्रेस के 12 विधायकों को सात दिनों के लिए निलंबित किया गया था। इसके बाद, विधायक बहिनीपति और जेना ने पार्टी विधायकों के निलंबन का विरोध किया था। दोनों अन्य विधायकों के साथ राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जांच के लिए सदन की समिति के गठन की मांग कर रहे थे।
7 मार्च से ही समिति गठन की मांग कर रहे कांग्रेस विधायक
बता दें कि कांग्रेस विधायक 7 मार्च से ही समिति के गठन की मांग को लेकर विधानसभा में प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा, मुख्य विपक्षी बीजू जनता दल (बीजेडी) के विधायकों ने भी प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा से वॉकआउट किया। उन्होंने एसटी-एससी और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए शैक्षणिक संस्थानों में नौकरियों के लिए आरक्षण की मांग की।
बीजेडी विधायकों ने एजी चौक तक निकाला मार्च
बाद में, बीजेडी विधायकों ने एजी चौक तक मार्च किया और बीआर आंबेडकर की प्रतिमा के पास उन्हें श्रद्धांजलि दी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कथित तौर पर उन्होंने विधानसभा के मुख्य द्वार पर सुरक्षा कर्मियों के साथ हाथापाई भी की, क्योंकि पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के प्रवेश को रोकने के लिए दरवाजा बंद कर दिया था।