
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने वक्फ बोर्ड बिल पर कहा है कि वक्फ बोर्ड संशोधन देश के गरीब मुसलमानों के हित में है. चर्चाएं हो गई हैं और इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पेश होने से पहले देशभर में इसका विरोध तेज होते जा रहा है. दिल्ली के जंतर मंतर पर इस विधेयक के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) विरोध प्रदर्शन कर रहा है. इस विरोध प्रदर्शन में विपक्ष के तमाम दल भी हिस्सा ले रहे हैं. वहीं उत्तर प्रदेश प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इसपर प्रतिक्रिया दी है.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘मैंने देखा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. वक्फ बोर्ड संशोधन देश के गरीब मुसलमानों के हित में है इसके लिए संयुक्त संसदीय समिति बनाई गई है. चर्चाएं हो गई हैं और इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.’
उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस समेत सारे तुष्टीकरण की राजनीति करने वाली सभी राजनीतिक पार्टियां इसके समर्थन में खड़ी हुई हैं तो इससे मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति का असली चेहरा सामने आया है. ये विरोध उचित नहीं है उनको निराशा होगी. जो मुसलमानों में 80 फीसदी से ज्यादा हैं वो गरीब हैं.’
ये बहुत ही अच्छा प्रयास- केशव प्रसाद मौर्य
उन्होंने कहा कि अगर उनके लिए वक्फ बोर्ड के जरिए बिल लाकर कोई संसोधन किया जा रहा है तो ये बिल्कुल वैसे ही है जैसे ट्रिपल तलाक से मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार होता था. उनकी जिंदगी को बर्बाद कर दिया जाता था. ये भी बहुत ही अच्छा प्रयास है और मैं तो इसका स्वागत करता हूं. इसके विरोध का कोई औचित्य नहीं है जो विरोध कर रहे हैं उनको निराशा होगी.
सांसद दिनेश शर्मा ने कहा, “ये आधारहीन लोग हैं. इन्हें न तो जनता का समर्थन है और न ही मुस्लिम समुदाय का. मुस्लिम समुदाय जानता है कि प्रधानमंत्री मोदी गरीबों के लिए काम कर रहे हैं. अगर वक्फ बोर्ड संशोधन होता है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा पसमांदा मुसलमानों, गरीब और पिछड़े वर्ग के मुसलमानों को मिलेगा.”