
पाकिस्तान की तरफ से पिछले कुछ दिनों में सीजफायर का उल्लंघन किया गया है। इसके अलावा घुसपैठ की कोशिशें भी जारी हैं। इसी वजह से दोनों देशों की सेनाओं के ब्रिगेड कमांडर के बीच फ्लैग मीटिंग की जा रही है।
जम्मू कश्मीर के पुंछ में भारत और पाकिस्तानी सेना के ब्रिगेड कमांडर के बीच फ्लैग मीटिंग की जा रही है। यह मीटिंग पुंछ के चक्कां दा बाग में की जा रही है। पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ और सीजफायर के उल्लंघन को लेकर यह मीटिंग रखी गई है। मीटिंग में पाकिस्तान की तरफ से आतंकवादियों के साथ बॉर्डर एक्शन टीम की घुसपैठ और टारगेट करने की कोशिश का मुद्दा भी इस मीटिंग में उठाया जाएगा। पाकिस्तान ने पिछले दिनों आईईडी अटैक किया था और सीजफायर के बावजूद पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी की जा रही है। इन्हीं मुद्दों को सुलझाने के लिए दोनों देशों की सेना के ब्रिगेड कमांडर बैठक कर रहे हैं।
बैठक की पूरी जानकारी भारतीय सेना के 16वें कोर आर्मी हेडक्वार्टर को सौंपी जाएगी। एक सप्ताह के अंदर दो बार पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर का उल्लंघन करने के बाद यह मीटिंग रखी गई है। पिछले सप्ताह सीमा पार से ऐसी कुछ घटनाएं हुई हैं। जिसमें एक आईईडी विस्फोट भी शामिल है। विस्फोट में एक कैप्टन सहित दो सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे। चार दिन पहले ही हुई थी गोलीबारी
16 फरवरी (रविवार) को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हल्की गोलीबारी हुई थी। सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार गुलपुर सेक्टर में दोपहर करीब साढ़े 11 बजे एलओसी के पार जंगली इलाके से भारतीय सेना की चौकी पर गोलीबारी की गई थी। सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की थी और गोलीबारी थोड़ी देर में रुक गई थी। इस घटना में भारतीय पक्ष को कोई नुकसान नहीं हुआ था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि गोलीबारी के पीछे पाकिस्तानी सेना का हाथ था या फिर जंगल में छिपे आतंकवादी थे, जो मौके की तलाश में भारत में घुसने का इंतजार कर रहे थे।
14 फरवरी को घायल हुआ था जवान
14 फरवरी (शुक्रवार ) को जम्मू के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर को हुई गोलीबारी की घटना में सेना का एक जवान घायल हो गया था। यह जवान बट्टल क्षेत्र में एक अग्रिम चौकी पर तैनात था तभी उसे सीमा पार से एक गोली लगी थी। जवान को तुरंत अस्पताल ले जाया गया था। इससे पहले अखनूर सेक्टर में 11 फरवरी को हुए आईईडी विस्फोट में एक कैप्टन समेत दो जवान शहीद हो गए थे, जबकि जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सैनिकों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा था।