हरियाणा सरकार ने 5 फरवरी को सभी सार्वजनिक कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, बोर्ड और निगमों में सवैतनिक अवकाश की घोषणा की। सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने और मतदान प्रतिशत बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
हरियाणा सरकार ने रविवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 5 फरवरी को सभी सार्वजनिक कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, बोर्ड और निगमों में सवैतनिक अवकाश की घोषणा की। इस अवकाश का उद्देश्य दिल्ली में पंजीकृत राज्य सरकार के कर्मचारियों को मतदान की सुविधा देना है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘यह प्रावधान, परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 की धारा 25 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (1996 में संशोधित) की धारा 135-बी के तहत, उन कर्मचारियों पर लागू होता है जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के पंजीकृत मतदाता है, जिससे उसे आम चुनाव में अपना वोट डालने की सहूलियत मिलती है।’’ सीटीआई के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने कहा कि व्यापारियों को चुनाव आयोग और श्रम विभाग के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में खुदरा क्षेत्र के दुकानदार मतदान करने के बाद शाम को अपनी दुकानें खोल सकते हैं। हालांकि, गोयल ने कहा कि यदि कोई दुकान या कारखाना खोला जाता है तो कर्मचारियों को सवेतन अवकाश दिया जाना चाहिए और वेतन में कोई कटौती नहीं की जानी चाहिए।