केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सोमवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम त्रिवेणी में पवित्र डुबकी लगाई. अमित शाह के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बाबा राम देव और अन्य साधु-संत भी इस दौरान मौजूद थे. प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. इसी बीच सोमवार को रात 10 बजे तक 10 लाख कल्पवासियों समेत डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों ने संगम में डुबकी लगाई. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई स्टेटमेंट के मुताबिक 13 जनवरी से शुरु हुए महाकुंभ मेले में अब तक 140 मिलियन श्रद्धालुओं ने अब तक आस्था की डुबकी लगा ली है.
अमित शाह ने भी सोमवार को किया संगम में स्नान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सोमवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम त्रिवेणी में पवित्र डुबकी लगाई. अमित शाह के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बाबा राम देव और अन्य साधु-संत भी इस दौरान मौजूद थे. अबतक कई केंद्रीय मंत्री महाकुंभ मेला जा चुके हैं और त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. इस बीच, केंद्रीय मंत्री ने पवित्र स्नान के अपने अनुभव साझा किए और विभिन्न श्रद्धालुओं से बातचीत भी की.
किरेन रिजिजू ने भी लगाई आस्था की डुबकी
आस्था की डुबकी लगाने के बाद किरेन रिजिजू ने कहा, “महाकुंभ कई लोगों की श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है. यहां पवित्र जल में डुबकी लगाना मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण क्षण है. करोड़ों तीर्थयात्री प्रयागराज आ रहे हैं और वे सभी कह रहे हैं कि यहां की व्यवस्थाएं वाकई बहुत अच्छी हैं. मैं यूपी के सीएम, उनकी टीम और पूरे प्रशासन को यहां ऐसी व्यवस्था करने के लिए बधाई देता हूं.”
इस धार्मिक आयोजन में विश्वभर से श्रद्धालु आ रहे हैं
इस धार्मिक समागम में विश्व भर से श्रद्धालुओं का असाधारण आगमन भी हो रहा है. इटली का एक श्रद्धालु अनटोनियो ने आखिरकार 10 साल बाद भारत में कुंभ मेला देखने के अपने सपने को पूरा किया है. अनटोनियो ने कहा, “मुझे बहुत अच्छा लगा. इस जगह में बहुत सारी खुशियां हैं. मैं इसका बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था. मैं 10 साल से यहां आना चाहता था और आखिरकार, मैं यहां हूं.”
12 साल में एक बार किया जाता है महाकुंभ का आयोजन
महाकुंभ का आयोजन 12 साल में एक बार किया जाता है और इस साल महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक रहेगा. सनातन धर्म में निहित यह आयोजन एक दिव्य संरेखण का प्रतीक है जो आध्यात्मिक शुद्धि और भक्ति के लिए एक शुभ अवधि बनाता है. महाकुंभ मेले में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जो भारत के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है.