हनुमानगढ़ में किसान नेताओं ने जिला पुलिस अधीक्षक अरशद अली से मुलाकात कर 20 जनवरी को हुई घटना के लिए दुख जताया। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष रेशम सिंह मानुका ने स्वीकार किया कि महापंचायत के दौरान किसान प्रतिनिधि अपने साथियों को नियंत्रित करने में विफल रहे। घटना 20 जनवरी को जिला कलेक्ट्रेट के सामने हुई किसान महापंचायत की है, जहां भाखड़ा नहर में पानी की मात्रा को लेकर प्रशासन और किसानों के बीच समझौता हुआ था।
समझौते के अनुसार, चार मार्च तक 850 क्यूसेक और उसके बाद 20 मार्च तक 1200 क्यूसेक पानी चलाने का निर्णय लिया गया। हालांकि, कुछ किसानों को यह फैसला मंजूर नहीं था, जिन्हें शुरू से ही 1200 क्यूसेक पानी चाहिए था। इसी दौरान रात के समय किसानों और एक पुलिस कॉन्स्टेबल के बीच धक्का-मुक्की की घटना हुई, जिसमें पुलिसकर्मी घायल हो गया, जिसको उपचार के लिए महात्मा गांधी राजकीय जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया। इस घटना के बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर किसानों को वहां से खदेड़ दिया।
किसान नेता रेशम सिंह मानुका ने कहा कि कॉन्स्टेबल के साथ हुई यह घटना निंदनीय है और भविष्य में धरना-प्रदर्शन के दौरान इस प्रकार की गलतियों की पुनरावृत्ति नहीं होगी। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने जिला पुलिस अधीक्षक अरशद अली से मुलाकात कर किसानों पर दर्ज हुआ मुकदमा वापस लेने की मांग की। इस मौके पर संदीप सिंह, जिला परिषद सदस्य मनीष गोदारा, सुभाष गोदारा, सरपंच रमनदीप कौर सहित अन्य किसान व किसान प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।