पांच पैरों वाले नंदी महाराज का श्रृंगार हुआ है. माला पहनाई गई है, टीका लगाया गया है, कपड़े पहनाए गए हैं और लोग इनका पूजा पाठ कर रहे हैं. पैर पकड़ कर आशीर्वाद ले रहे हैं. नंदी की उम्र लगभग 2 साल है.
महाकुंभ में पांच पैरों वाले नंदी महाराज की भी चर्चा खूब है. पांच पैरों वाले नंदी बाबा यहां आकर्षण का केंद्र हैं. लोग इन नंदी बाबा को ढूंढ कर उनको प्रणाम कर उनसे आशीर्वाद ले रहे हैं. पांच पैरों वाले नंदी बाबा की अपनी विशेष महत्वता है. महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ 5 पैरों वाले नंदी महाराज को देखकर आश्चर्य कर रही है.
इन पांच पैरों वाले नंदी महाराज का श्रृंगार हुआ है. माला पहनाई गई है, टीका लगाया गया है, कपड़े पहनाए गए हैं और लोग इनका पूजा पाठ कर रहे हैं. पैर पकड़ कर आशीर्वाद ले रहे हैं. जो महाराज इनको लेकर चल रहे हैं उन्होंने भी त्रिशूल, डमरू, कलश ले रखा है. इन महाराज का नाम आल्हा है. ये काशी से आए हैं. आपको बता दें पांच पैरों वाले नंदी की उम्र लगभग 2 साल है.
नंदी महाराज कर्नाटक से लाए गए हैं
इन नंदी की खोज पर आल्हा ने कहा कि जहां प्रभु बनाएंगे वहां से खोज के लाना होता है ऐसे नंदी को. लाखों करोड़ों में एक ऐसे नंदी महाराज होते हैं. यह नंदी महाराज कर्नाटक से लाए गए हैं. उन्होंने कहा यह शंकर जी के सवारी है. उनको नादिया बाबा भी कहा जाता है. काशी में उनको नंदी बाबा कहते हैं और देश में इनको कुछ जगह बसहा बैल भी बोलते हैं.
इन नंदी महाराज की विशेषता को लेकर आल्हा कहते हैं कि उनके कान में जो बात कहो वह सुनी जाती है और वह मनोकामना पूरी होती है . यहां लोग नंदी बाबा के कान में अपनी मनोकामनाओं भी मांग रहे हैं और सबको इस बात की आस्था है कि उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. महाकुंभ में आने वाले लोग नंदी बाबा के कानों में अपनी मनोकामना मांग रहे हैं.