झारखंड: केंद्र द्वारा जारी यूडायस प्लस 2022-23 की रिपोर्ट में झारखंड के स्कूलों को लेकर हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है। प्रदेश में 7642 ऐसे स्कूल हैं जहां केवल एक शिक्षक के भरोसे पढ़ाई कराई जा रही है। इन स्कूलों में 3.78 लाख बच्चे पढ़ते हैं। यही नहीं प्रदेश के 378 स्कूलों में शून्य नामांकन हुआ है जहां 1368 शिक्षक कार्यरत हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी यूडायस प्लस (यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस) की 2022-23 की रिपोर्ट में झारखंड की स्कूलों को लेकर हैरान कर देने वाले तथ्य सामने आए हैं। यूडायस प्लस की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के 7,642 स्कूलों में एक-एक शिक्षक ही कार्यरत हैं।
इन 7,642 स्कूलों में एक शिक्षक ही सभी कक्षाएं लेते हैं और सभी विषय पढ़ाते हैं। चिंताजनक बात यह है कि इन स्कूलों में कुल 3.78 लाख बच्चे नामांकित हैं, जिनका पठन-पाठन केवल एक शिक्षक के भरोसे है। शिक्षकों की कमी क असर छात्रों की पढ़ाई पर भी देखने को मिलता है।
370 स्कूलों में हुआ शून्य नामांकन
यूडायस प्लस-2022-23 की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में ऐसे 370 स्कूल संचालित हैं, जहां शून्य अवधि में शून्य नामांकन हुआ। एक भी बच्चे के नामांकन नहीं होने के बाद भी इन स्कूलों में 1,368 शिक्षक कार्यरत हैं।
रिपोर्ट में छात्र-शिक्षक अनुपात (पीपुल्स टीचर रेशियो) की स्थिति भी ठीक-ठाक नहीं है। झारखंड में 35 बच्चों पर एक शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि आरटीई तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यह अनुपात 30 से अधिक नहीं होना चाहिए।
झारखंड से खराब स्थिति में सिर्फ बिहार
राष्ट्रीय स्तर पर छात्र-शिक्षक अनुपात 27 प्रतिशत है। इस मामले में झारखंड से खराब स्थिति सिर्फ बिहार की है, जहां यह अनुपात 42 है।
प्रति स्कूल शिक्षकों की औसत संख्या में भी पीछे
प्रति स्कूल शिक्षकों की औसत संख्या की बात करें तो झारखंड में प्रति स्कूल औसत पांच शिक्षक कार्यरत हैं। राष्ट्रीय स्तर पर प्रति स्कूल औसत छह शिक्षक कार्यरत हैं।
इस मामले में झारखंड अन्य राज्यों आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और ओडिशा के साथ खड़ा है, जहां भी प्रति स्कूल औसत पांच शिक्षक ही कार्यरत हैं। सबसे पीछे मेघालय है, जहां प्रति स्कूल औसत चार शिक्षक ही कार्यरत हैं।
ऊंची कक्षा में बढ़ रही ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या
रिपोर्ट में यह तथ्य भी सामने आया है कि ऊंची कक्षाओं में जाते ही बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर बढ़ती जाती है। रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में फाउंडेशन स्तर पर ग्रास एनरोलमेंट रेशियो (GEI) 30, मिडिल में 83 तथा माध्यमिक में 41 प्रतिशत है।
बताते चलें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय सरकारी तथा गैर सरकारी स्कूलों द्वारा उपलब्ध कराए गए ऑनलाइन डाटा के आधार पर यह रिपोर्ट प्रत्येक वर्ष जारी करता है। स्कूलों द्वारा उपलब्ध डाटा को आधार मानकर इस बार भी यूडायस प्लस द्वारा ये रिपोर्ट जारी की गई है।