सामुदायिक केंद्र बढ़खालसा की वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनविता कौशिक ने बताया कि दवाओं के रेपर जलाने से निकलने वाले प्रदूषण का शरीर पर बुरा असर पड़ता है। रेफर जलाने से हाइड्रोकार्बन निकलता है जो स्वास्थ्य के लिए घातक है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) की टीम ने शुक्रवार को गांव फिरोजपुर बांगर स्थित औद्योगिक क्षेत्र में छापा डालकर पांच फैक्टरी पर कार्रवाई की। टीम ने भट्ठियों के अंदर दवाओं के रेपर पिघलाकर एल्युमीनियम निकालने के लिए अवैध रूप से चल रही पांचों फैक्टरियों को बंद कराया। टीम ने कार्रवाई करते हुए भट्ठियां ध्वस्त करा दी। क्षेत्रीय अधिकारी प्रदीप सिंह ने कहा कि जल्द कारण बताओ नोटिस जारी कर फैक्टरियां हटाई जाएगी। वहीं, नाथूपुर मोड़ पर एनएच-44 किनारे पाबंदी के बावजूद कूड़े के ढेर में आग लगाने पर एनएचएआई पर 25 हजार रुपये का जुर्माना किया गया।
सहायक पर्यावरण अभियंता अनिल कुमार के नेतृत्व टीम ने फिरोजपुर बांगर स्थित औद्योगिक क्षेत्र में जांच की। इस दौरान टीम ने पांच और फैक्टरियों में दवाओं के रेपर पिघलाकर उनसे एल्युमिनियम निकालने का कार्य होता मिला। भट्ठियों में एल्युमिनियम धातु के स्क्रैप को पिघलाकर उनके स्लैब बनाए जा रहे थे। इससे पहले टीम ने 4 नवंबर को भी छापे डालकर आठ फैक्टरियों को बंद कराया गया था। शुक्रवार को कार्रवाई के दौरान फैक्टरियों में चल रही भट्ठियों को तत्काल प्रभाव से ध्वस्त कराया। जांच के दौरान कोई भी फैक्टरी संचालक अपनी फैक्टरी चलाने के लिए लाइसेंस नहीं दिखा सका। किसानों से जमीनों को किराये पर लेकर फैक्टरियां चलाई जा रही थी। इसके चलते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने यह कार्रवाई की।
कूड़ा जलाने पर एनएचएआई को 25 हजार का किया जुर्माना
सहायक पर्यावरण अभियंता अनिल कुमार के नेतृत्व टीम एनएच-44 (जीटी रोड) पर नाथूपुर मोड़ के पास पहुंची। टीम को पाबंदी के बावजूद खुले में कूड़ा जलता हुआ मिला। इस पर टीम ने कार्रवाई करते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रोजेक्ट निदेशक के नाम 25 हजार रुपये का जुर्माना किया है।
एलर्जी व दमा के मरीजों को लिए नुकसानदायक
सामुदायिक केंद्र बढ़खालसा की वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनविता कौशिक ने बताया कि दवाओं के रेपर जलाने से निकलने वाले प्रदूषण का शरीर पर बुरा असर पड़ता है। रेफर जलाने से हाइड्रोकार्बन निकलता है जो स्वास्थ्य के लिए घातक है। हाइड्रोकार्बन की वजह से दमा व एलर्जी होने की आशंका होती है। दवाओं के रेपर जलाना वायु प्रदूषण की श्रेणी में आता है।
अधिकारी के अनुसार
दवाओं के रेपर पिघलाकर चलाई जा रही एल्युमिनियम के स्लैब बनाने को अवैध रूप से चल रही पांच फैक्टरियों को बंद कराया है। साथ ही फैक्टरियों के अंदर भटि्ठयों को ध्वस्त कराया गया है। वहीं, टीम ने कूड़ा जलाने पर एचएचएआई को 25 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है। -प्रदीप सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।