हमें सेहतमंद बनाने में कई सारे फैक्टर अहम भूमिका निभाते हैं। हार्मोन्स इन्हीं में से एक है, जो हमारे शरीर में मौजूद ऐसे केमिकल हैं। इनका हमारे पूरे स्वास्थ्य से बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। हार्मोन्स की संतुलित मात्रा सेहत को सुधारती है और असंतुलित मात्रा सेहत को बिगाड़ भी सकती है। हार्मोन्स भी कई तरह के होते हैं, जो अलग-अलग तरीके स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।
प्रोजेस्टेरोन (progesterone hormone) इन्हीं में से एक बेहद महत्वपूर्ण हार्मोन है, जो सेहत के लिए बहुत जरूरी है, लेकिन जानकारी के अभाव में इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। महिलाओं के रिप्रोडक्टिव हेल्थ और प्रेग्नेंसी के दौरान प्रोजेस्टरोन हार्मोन का अहम योगदान होता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में जानेंगे प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की शरीर में भूमिका क्या है और कैसे बढ़ा सकते हैं शरीर में इसका लेवल-
क्यों जरूरी है प्रोजेस्टेरोन हार्मोन?
ये अच्छी नींद प्रमोट करता है और दिमाग को रिलैक्स करता है। ये एंग्जायटी रिलीवर होता है, जिससे स्ट्रेस के दौरान शांत रहने में मदद मिलती है।
ये बोन हेल्थ को बेहतर बनाता है।
ये यूटरस और ब्रेस्ट के हेल्थ के लिए भी बेहद जरूरी है।
मेनोपॉज के दौरान प्रोजेस्टरोन की मात्रा कम होने लगती है, जिससे एंग्जायटी और स्ट्रेस शुरू हो जाता है। इसलिए शरीर में प्रोजेस्टरोन लेवल बना कर रखने की जरूरत है। इसके लिए खाएं आप कुछ न्यूट्रिएंट्स अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं, जिससे शरीर में प्रोजेस्टरोन लेवल का बैलेंस बना रहे-
विटामिन सी
जिन लोगों को ल्यूटियल फेज डिफेक्ट (कम प्रोजेस्टरोन की मात्रा) होता है, उनमें विटामिन सी युक्त आहार प्रोजेस्टरोन की मात्रा बढ़ाता है। बेरीज, संतरा, नींबू जैसे सिट्रस फ्रूट्स, लाल और पीली शिमला मिर्च, ब्रोकली आदि में विटामिन सी पाया जाता है।
विटामिन बी6
ये प्रोजेस्टरोन बनाने में मदद करता है। इसके लिए आप काबुली चना, लिवर, साल्मन जैसे फूड्स से विटामिन बी6 की आपूर्ति पूरी कर सकते हैं।
जिंक
ये ओव्युलेशन की प्रक्रिया को सपोर्ट करता है। डेवलमेंट के फाइनल स्टेज में एमेच्योर एग की मदद करता है, जिससे ओव्यूलेशन की प्रक्रिया सही तरीके से संचालित हो पाती है। ओव्यूलेशन का सपोर्ट करना मतलब प्रोजेस्टरोन का सपोर्ट करना। ऐसे में पम्पकिन सीड्स, काजू, ओएस्टर और काबुली चना जैसे फूड्स में जिंक प्राप्त किया जा सकता है।
मैग्नीशियम
ये स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है, जिससे ल्यूटियल फेज प्रभावित होता है। ये नर्वस सिस्टम को शांत करता है और कोर्टिसोल की मात्रा को कम करता है, जिससे स्ट्रेस दूर होता है और प्रोजेस्टरोन हार्मोन की मात्रा बढ़ती है। हरी पत्तेदार सब्जियां, डार्क चॉकलेट, बादाम और एवोकाडो में मैग्नीशियम पाया जाता है।