कौन हैं इंस्पेक्टर ममता? जिनका नाम सुनते ही कांप उठते हैं क्रिमिनल्स

झारखंड के बेंगाबाद सर्किल की पुलिस इंस्पेक्टर ममता एक कड़क और ममता भरे स्वभाव की अधिकारी हैं। धनबाद जिले से ताल्लुक रखने वाली ममता ने 2012 बैच में झारखंड पुलिस में शामिल हुई और अपनी मेहनत से कई मोर्चों पर सफलता हासिल की। उन्होंने नकद लूट मामले में राशि बरामद करने और हत्या के मामले का खुलासा करने में सफलता पाई है।

नारी को नारायणी कहा जाता है, लेकिन घरों की दहलीज पार कर एक प्रशासक के रूप में कभी कड़क तो कभी नरम भूमिका निभाने वाली मृदु भाषी व हंसमुख ममता अपने नाम के विपरीत अपराधियों व अवैध कारोबारियों पर नकेल कसने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ती है। अपराधी उनके नाम से कांपते हैं। कई बदमाश तो शहर छोड़कर भाग गए हैं।

स्वभाव से बहुत कड़क हैं पुलिस इंस्पेक्टर ममता
पुलिस इंस्पेक्टर ममता स्वभाव से बहुत कड़क हैं बल्कि वह अपने नाम के अनुरूप समय-समय पर ममता भी बरसाती है। वह वर्तमान में बेंगाबाद सर्किल पुलिस इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थापित हैं। वह बेंगाबाद चौक पर हुई नकद लूट मामले में लूटी गई राशि को बरामद करने में सफल रही है।

जबकि हत्या के एक मामले का खुलासा करने में भी कामयाब रही है। ममता मूलत: धनबाद जिले की रहने वाली है। काफी परिश्रम व मेहनत के बल पर यह नौकरी हासिल की। वह वर्ष 2012 बैच की झारखंड पुलिस की तेज तर्रार महिला पुलिस अधिकारी है।

अवैध कारोबारियों के खिलाफ भी चलाया अभियान
झारखंड पुलिस में चयन होने के बाद प्रशिक्षणो परांत उन्होंने पहली पदस्थापन के तौर पर सरायकेला-खरसांवा पुलिस लाइन में योगदान दिया। इसके बाद वे पलामू व रांची में रही और अपनी काबिलियत हर मोर्चे पर सिद्ध करने का काम की। अपराधियों व अवैध कारोबारियों के खिलाफ कई कार्रवाई का रिकॉर्ड उनके नाम है।

लेकिन विधि व्यवस्था से लेकर अन्य कार्यों में अपनी अहम योगदान के लिए भी जानी जाती है। रांची में ममता का नाम सुनकर अवैध कारोबारी व अपराधी सहम जाते थे। गिरिडीह जिले में उन्होंने 15 अगस्त 2023 को योगदान दिया। इसके बाद उन्हें इंस्पेक्टर अपराध अनुसंधान विंग में पदस्थापित किया।

अब मिला जमुआ इंस्पेक्टर का प्रभार
यहां के बाद ममता को बेंगाबाद इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थापित कर नई जिम्मेवारी सौंपी गई। उन्हें हाल में ही जमुआ इंस्पेक्टर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। ममता कहती है कि लक्ष्य को सामने रखकर अगर कोई भी काम को करने की ठान ली जाए तो सफलता जरूर मिलती है।

मैंने भी पहले तो पढ़ाई फिर नौकरी का लक्ष्य सामने रखकर सब हासिल किया और अब अपराध, अपराधियों व अवैध कारोबारियों पर लगाम कसने को ड्यूटी निभा रही हूं। कहती है कि यहां के सभी लोग अपने परिवार की तरह हैं। यही कारण है कि यहां लोगों का सहयोग व प्यार भी परिवार की तरह मिल रहा है।

Related Articles

Back to top button