शरीर में लगभग 80% कोलेस्ट्रोल लिवर में बनता है और अन्य खाने के द्वारा आता है। ऐसे तो कोलेस्ट्रॉल शरीर के अहम भूमिकाओं के लिए बेहद जरूरी है, जैसे सेक्स हार्मोन का उत्पादन, बाइल और अन्य पाचन एसिड्स का उत्पादन, विटामिन डी का उत्पादन, सेल मेंब्रेन का स्ट्रक्चर आदि, लेकिन कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई या लो होने में डाइट का बहुत बड़ा हाथ होता है। खास तौर से सैचुरेटेड फैट का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा तेजी से बढ़ती है। इससे कोलेस्ट्रॉल हाई होता है, जो आर्टरी में ब्लड फ्लो को ब्लॉक कर सकता है जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
ओट्स
ओट्स में सॉल्युबल फाइबर पाए जाते हैं जो कि LDL (लो डेंसिटी लाइपोप्रोटीन) यानी बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इसमें बीटा ग्लूकन नाम का फाइबर पाया जाता है जो कि कोलेस्ट्रॉल के मेटाबोलिज्म को प्रभावित करता है और इसे कम करने में मदद करता है। ताजे फलों के साथ ओट्स का पैनकेक, ओट्स की खिचड़ी या ओट्स के हेल्दी डेजर्ट बना कर खाया जा सकता है।
ऑयली फिश
ओमेगा थ्री फैटी एसिड युक्त ऑयली फिश ट्राइग्लिसराइड के लेवल को कम करने में बहुत ही सहायक मानी जाती है और साथ ही ये गुड कोलेस्ट्रॉल(HDL) की मात्रा बढ़ाती है। साल्मन, टूना, सारडाइन्स, मैकरेल, ट्राउट ऐसी कुछ ऑयली फिश हैं जिनके सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा संतुलित बनी रहती है।
बेक्ड बीन्स
इसमें हाई फाइबर और फाइटोस्टेरोल पाए जाते हैं जो कि गट में कोलेस्ट्रॉल के एंजोर्पशन को कम करते हैं। इससे LDL (लो डेंसिटी लाइपोप्रोटीन) की मात्रा कम होती है। बीन्स को बेक करते समय इसमें नमक न डालें। ऑलिव ऑयल स्प्रिंकल कर के बेक करें।
नट्स
ढेर सारे विटामिन, मिनरल और ओमेगा थ्री फैटी एसिड से भरपूर बादाम, अखरोट जैसे नट्स गुड कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाने और बैड कोलेस्ट्रॉल कम करने में सक्षम होते हैं। नट्स में एल आर्जिनिन नाम का एक कंपाउंड पाया जाता है जो कि ब्लड प्रेशर कम करने के साथ कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए भी जाना जाता है।
जौ
जौ की रोटी या जौ के सत्तू के सेवन से हाई कोलेस्ट्रोल काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। इसमें पाए जाने बीटा ग्लूकैन बाइल एसिड से जुड़ कर LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं।