मराठा आरक्षण के लिए जरांगे ने बनाई खास रणनीति

मनोज जरांगे ने बताया कि वे रैली को संबोधित भी करेंगे। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि कार्यक्रम में कुछ भी राजनीतिक नहीं होगा। जरांगे ने कहा कि रैली में जाति और राजनीति से कोई संबंध नहीं होगा।

मराठा आरक्षण को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे एक नई रणनीति तैयार कर रहे हैं। उन्होंने सोमवार को लोगों से बीढ़ जिले में आयोजित दशहरा रैली में एकता दिखाने की अपील की। इस साल 12 अक्तूबर को दशहरा का त्योहार मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वे इस रैली में लोगों से बात भी करेंगे। इस रैली में मराठा समुदाय के लोग और किसान शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि इस रैली में कोई राजनीति कार्यक्रम नहीं होगा।

छत्रपति संभाजीनगर के अस्पताल से जरांगे ने पत्रकारों से बात की। बता दें कि जरांगे का फिलहाल अस्पताल में इलाज चल रहा है। मनोज जरांगे 17 सितंबर को अनशन पर बैठे थे, जिसे उन्होंने 25 सितंबर को खत्म किया था। इस साल में यह उनका छठवां अनशन हैं। दरअसल, वह मराठा आरक्षण को ओबीसी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।

दशहरा रैली को लेकर जरांगे ने की लोगों से अपील
दशहरा रैली को लेकर मनोज जरांगे ने कहा, “नारायणगढ़ में दशहरा रैली का आयोजन किया जाएगा। मैं वहां एक भक्त के तौर पर जाऊंगा और कार्यक्रम में उपस्थित रहूंगा। मैं नारायणगढ़ आने वाले अपने समुदाय के लोगों का आशीर्वाद लूंगा। बीड और मराठवाड़ा के रहने वाले या जो नौकरी के सिलसिले में शहर से दूर रहते हैं उन्हें भी दशहरा रैली में यहां उपस्थित रहना चाहिए। यह समय एकता दिखाने का है। राज्य से सभी लोगों को नारायणगढ़ आना चाहिए।”

जरांगे करेंगे दशहरा रैली को संबोधित
मनोज जरांगे ने बताया कि वे रैली को संबोधित भी करेंगे। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि कार्यक्रम में कुछ भी राजनीतिक नहीं होगा। मराठा कार्यकर्ता ने कहा, “यह समय एकता दिखाने का है। रैली में जाति और राजनीति से कोई संबंध नहीं होगा। एकता दिखाने का यही सही मौका है। गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए अपनी एकता दिखाने का सही मौका है। मराठा समुदाय के लोग और किसान इस रैली में शामिल होंगे।”

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