गोरखपुर एम्स: डॉ. कुमार सतीश की डिग्री मिली फर्जी

एम्स प्रेसीडेंट ने कार्यकारी निदेशक को जांच कराने का आदेश दिया। शिकायत में आरोप था कि डॉक्टर के पास 10 महीने दो दिन का अनुभव प्रमाणपत्र है, जबकि तीन साल का अनुभव चाहिए था। वहीं 2009 में पीजी की डिग्री लगाई थी, जबकि पीजी 2011 में पूरा हुआ। जांच में पता चला कि एम्स ऋषिकेश में भी डॉ. कुमार सतीश रवि पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जांच चल रही है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एनाटॉमी विभाग में प्रोफेसर के रूप में तैनात डॉ. कुमार सतीश रवि की डिग्री और अनुभव प्रमाणपत्र फर्जी मिले हैं। स्थायी चयन समिति (एसएससी) की जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्यकारी निदेशक डॉ. जीके पॉल ने शुक्रवार को डॉ. कुमार की नियुक्त को शून्य और अमान्य घोषित करते हुए तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया है।

एम्स गोरखपुर में डॉ. कुमार सतीश रवि ने फरवरी 2023 में आवेदन किया था। उसी माह में 11 फरवरी को इंटरव्यू हुआ और 20 मार्च 2023 को एनाटॉमी विभाग में प्रोफेसर के रूप चयन हो गया। इनकी नियुक्त सशर्त हुई थी कि रिपोर्ट सही पाए जाने पर शैक्षणिक समिति से अनुमोदन मिलेगा, लेकिन मार्च अंतिम सप्ताह में शिकायत हुई कि एम्स में तैनात किए जा रहे डॉ. रवि ने डिग्री और अनुभव प्रमाणपत्र फर्जी लगाए हैं।

एम्स प्रेसीडेंट ने कार्यकारी निदेशक को जांच कराने का आदेश दिया। शिकायत में आरोप था कि डॉक्टर के पास 10 महीने दो दिन का अनुभव प्रमाणपत्र है, जबकि तीन साल का अनुभव चाहिए था। वहीं 2009 में पीजी की डिग्री लगाई थी, जबकि पीजी 2011 में पूरा हुआ।

जांच में पता चला कि एम्स ऋषिकेश में भी डॉ. कुमार सतीश रवि पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जांच चल रही है। पहले यह वहीं तैनात थे। डॉक्टर ने नियुक्ति के समय यह तथ्य भी छिपाए थे। जांच टीम के सामने डॉ. रवि ने अपने विभिन्न अभ्यावेदनों के माध्यम से बचाव प्रस्तुत किया, जिस पर विस्तार से विचार किया गया।

एम्स कार्यकारी निदेशक ने अपने निर्देश में साफ तौर पर कहा है कि यह स्पष्ट रूप से एक स्वीकृत तथ्य है, जैसा कि उनके द्वारा प्रस्तुत विभिन्न दस्तावेजों से भी साफ है कि उन्होंने एम्स ऋषिकेश तथा एम्स गोरखपुर में अपनी नियुक्ति के समय भ्रामक जानकारी प्रस्तुत करके स्थायी चयन समिति को गुमराह किया था। इसकी जांच रिपोर्ट एम्स प्रशासन को जुलाई में मिली गई थी।

12 जुलाई 2024 को स्थायी शैक्षणिक समिति (एसएसी) की असाधारण बैठक में डॉ. रवि की नियुक्ति को अवैध करार दे दिया गया। साथ ही कार्यकारी निदेशक को इस आशय का कार्यालय आदेश जारी करने के लिए अधिकृत गया। इसके आधार पर शुक्रवार को कार्यकारी निदेशक ने डॉ. कुमार सतीश रवि की नियुक्ति को शून्य और अमान्य घोषित कर उन्हें तत्काल प्रभाव से एम्स गोरखपुर से मुक्त दिया है।

एम्स के कार्यकारी निदेशक जीके पाल ने बताया कि समिति की रिपोर्ट के आधार पर एनाटॉमी विभाग में प्रोफेसर डॉ. कुमार सतीश रवि को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया गया है। इस संबंध में आदेश जारी हो गया है।

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