Uttar Pradesh: गलघोंटू बीमारी से पांच बच्चों की मौत.

आजमगढ़ के तहसील निजामाबाद के गांव सीधा सुल्तानपुर में दस दिन के भीतर पांच मासूम बच्चों की मौत होने से क्षेत्र के लोग भयभीत है. मरने वाले बच्चों की उम्र दो से पांच साल के बीच है.

आजमगढ़ के तहसील निजामाबाद के गांव सीधा सुल्तानपुर में दस दिन के भीतर पांच मासूम बच्चों की मौत होने से क्षेत्र के लोग भयभीत है. जिन बच्चों की मौत हुई है उनकी उम्र दो से छह साल के बीच है. लोगों का आरोप है कि इन बच्चों की मौत ‘गलघोंटू’ नामक बीमारी से हुई है जबकि प्रशासन ने साफ-सफाई और टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 80 बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है और उनमें दवा भी वितरित की जा रही है.

नट समुदाय के सोहेल के बेटे मुहम्मद उम्र लगभग 3 साल की गलघोंटू बीमारी के चलते मौत हो गयी. कैस का छह साल का बेटा आतिफ, मिनहाज उर्फ खुशी का बेटा अली राज, गुड्डी की दो  साल की बेटी सुरजाना, मीरू की तीन साल की बेटी साजमा की गलघोंटू की शिकार हुई है. अब तक इस गांव में पांच बच्चों की मौत हो चुकी है. इस बीमारी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 80 बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है और उनमें दवा भी वितरित की जा रही है. फिर इलाके में गंदगी अब भी जस की तस है. इस बीमारी का मुख्य कारण गंदगी को माना जा रहा है.

लोगों ने मौत के पीछे गंदगी को बताया जिम्मेदार

गलघोंटू (डिप्थीरिया) से हुई मौत के बाद स्थानीय विधायक आलम बदी, स्थानीय सांसद दरोगा प्रसाद सरोज, सीएमओ, एसडीएम समेत अन्य अधिकारी गांव में पहुंच रहे हैं. नट समाज के मुद्दे पर काम करने वाले जाकिर हुसैन ने कहा कि गांव में गंदगी बीमारी और मौत का मुख्य कारण है, इस पर ध्यान देने की जरूरत है. एएनएम पूजा सिंह के मुताबिक, नट लोग रूढ़िवादी होते हैं, वे टीकाकरण से बचते हैं, जब टीम गांव गई तो नट महिलाओं ने अपने बच्चों को टीका नहीं लगाया. इस मुद्दे पर बस्ती के रहने वाले अब्बास का कहना है कि असली समस्या गांव की गंदगी है. जब तक गंदगी की समस्या का समाधान नहीं होगा हम लोग इसी तरह से परेशान रहेंगे.

इस मामले पर एसडीएम निजामाबाद संत रंजन ने बताया कि उक्त गांव में बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी समस्या को लेकर कुछ बातें सामने आई है जिसमें कुछ मौतें भी हुई है. मेरे साथ गई स्वास्थ्य टीम ने लोगों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई है. गांव में  टीकाकरण किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की एक टीम गांव में कैंप कर रही है और स्थिति पर नजर रखे हुए है. मैं खुद इस पूरी घटना को मॉनिटर कर रहा हूं जिससे इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि अब तक इस बीमारी से पांच लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन एसडीएम निजामाबाद ने बीमारी से दो बच्चों की मौत की पुष्टि की है अन्य म्यूट को उन्होंने प्राकृतिक मौत बताया है.

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