
Indian Household Gold Holdings: पूरे भारत में लोगों के पास जितना सोना है वह लगभग 25,000 टन के बराबर है. यह अमेरिका, जर्मनी, चीन और यहां तक कि RBI के पास रखे गोल्ड रिजर्व से भी ज्यादा है.
dian Household Gold Holdings: भारत में सोने का क्रेज ही अलग है. आलम यह है कि यहां बिना सोने-चांदी के गहने के शादी अधूरी मानी जाती है. कई बार लोग एक-दूसरे को किसी मौके पर सोने के छोटे-मोटे गहने भी गिफ्ट करते हैं. भारत में सोने को शुभ माना जाता है. इसके अलावा, सुरक्षित निवेश के रूप में भी इसकी डिमांड काफी ज्यादा है. सोने को लेकर इसी दिवानगी का नतीजा हैकि भारतीय परिवारों के पास लगभग 25,000 टन सोना है और यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. इसी के साथ भारतीय परिवारों के पास दुनिया का सबसे अधिक सोना है.
कई देशों के पास भी नहीं इतना सोना
सोने के प्रति भारतीयों के इसी लगाव का जिक्र करते हुए एक रिसर्च एनालिस्ट ने बीते मार्च के महीने में एक चौंकानेवाले डेटा का खुलासा किया. इसके मुताबिक, भारत में लोगों की संपत्ति में महज एक साल में सोने के जरिए ही लगभग 750 बिलियन डॉलर का उछाल आया. इससे पता चलता है कि देशभर में बीते एक साल में सोने की किनी खरीदारी हुई. एक्स में अपने एक पोस्ट के जरिए एनालिस्ट ए के माधवन ने बताया कि भारत का प्राइवेट गोल्ड रिजर्व 25,000 टन है, जो अमेरिका, जर्मनी, चीन और यहां तक कि भारतीय रिजर्व बैंक के पास रखे गोल्ड रिजर्व से भी ज्यादा है.
भारत सोने का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार
बता दें कि अमेरिका, जर्मनी, इटली, फ्रांस, रूस, चीन, स्विट्जरलैंड, भारत, जापान और तुर्की के पास जैसे देशों के सेंट्रल बैंकों के पास रखा टोटल गोल्ड रिजर्व भी भारतीय परिवारों के पास मौजूद सोने के बराबर नहीं है. इससे पता चलता है कि भारत में लोग सेविंग्स या इंवेस्टमेंट के नजरिए से सोने को कितना अहम मानते हैं.
गोल्ड हमेशा से भारत में लोगों का पसंदीदा रहा है क्योंकि महंगाई, आर्थिक अनिश्चितता और मुद्रा में उतार-चढ़ाव के बीच यह ढाल के रूप में काम करता है. शादियों के मौसम में या फेस्टिव सीजन में इसकी डिमांड और भी बढ़ जाती है. गांव में लोग सोने का इस्तेमाल कई बार बैंकों में गिरवी रखने और अपनी जरूरतों को पूरा करने में करते हैं. सोने की कीमतों में वैश्विक उतार-चढ़ाव के बावजूद भारत चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोने का उपभोक्ता बना हुआ है.