
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 6 जून को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बात की तो देशभर में गर्व और वीरता की लहर दौड़ गई. ऑपरेशन सिंदूर की पूरी कहानी जानिए यहां… कुछ घटनाएं इतिहास में सिर्फ तारीखें नहीं होतीं, वे एक राष्ट्र की चेतना को झकझोर देती हैं. 6 मई 2025 की रात ऐसी ही एक तारीख बन गई जब भारत ने अपने निर्दोष नागरिकों की हत्या का करारा जवाब दिया. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक इस सैन्य कार्रवाई ने न सिर्फ पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि अब भारत चुप नहीं बैठता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 6 जून को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बात की तो देशभर में गर्व और वीरता की लहर दौड़ गई. उन्होंने कहा- “अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम सुनते ही पाकिस्तान को अपनी शर्मनाक हार याद आएगी.” यह बयान सिर्फ शब्द नहीं थे, यह भारत की उस बदली हुई रणनीति का ऐलान था जिसमें अब आतंक का जवाब सिर्फ निंदा से नहीं, निर्णायक कार्रवाई से दिया जाता है.
क्यों हुआ ऑपरेशन सिंदूर?
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक बर्बर आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों (25 भारतीय और 1 नेपाली) की हत्या कर दी गई. हमले में खासतौर पर हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया गया. जांच में सामने आया कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) इस हमले में शामिल थे – और इन सभी को पाकिस्तान की शह प्राप्त थी. भारत ने स्पष्ट किया कि इस हमले के पीछे इस्लामाबाद की मिलीभगत है, हालांकि पाकिस्तान ने हमेशा की तरह इन आरोपों को खारिज कर दिया.
सिंधु जल संधि को किया गया निलंबित
इस आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 23 अप्रैल 2025 को एक ऐतिहासिक कदम उठाया और 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया. दशकों से इस संधि के तहत पाकिस्तान को 80% पानी मिलता रहा, लेकिन इस निर्णय के बाद वहां पानी की गंभीर किल्लत शुरू हो गई, जिससे उसकी चिंता और बेचैनी बढ़ गई.
ऑपरेशन सिंदूर: कब और कैसे हुआ एक्शन?
भारत ने हमले के महज दो सप्ताह के भीतर जवाबी कार्रवाई करते हुए, 6 और 7 मई की रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया. यह मिशन विधवा हुई उन महिलाओं को न्याय दिलाने की प्रतिज्ञा था, जिनके पति पहलगाम हमले में मारे गए थे, इसलिए इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ रखा गया.
एकसाथ तीनों सेनाओं की भागीदारी
इस ऑपरेशन में थलसेना, वायुसेना और नौसेना – तीनों सेनाओं ने संयुक्त रूप से भाग लिया. यह 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद तीसरा बड़ा सैन्य जवाब था. सिर्फ 25 मिनट की इस कार्रवाई में भारतीय बलों ने 24 लक्ष्यों को सटीकता से नष्ट किया.
पाकिस्तान में छाया मातम
इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान में सैन्य और खुफिया तंत्र में हड़कंप मच गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन हमलों में कई आतंकी मारे गए और बड़ी मात्रा में हथियार व संचार उपकरण नष्ट हो गए. पाकिस्तान ने हालांकि पहले की तरह इस हमले को लेकर चुप्पी साध ली और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी कोई ठोस बयान नहीं दे सका.