25 अगस्त को अमेरिका दौरे पर जाएंगे दक्षिण कोरियाई के राष्ट्रपति

भारत और श्रीलंका के तटरक्षकों के बीच समुद्री सहयोग को और प्रगाढ़ करने के लिए बातचीत हो रही हैष सोमवार को दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों की बैठक में समुद्री प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रतिक्रिया, समुद्री खोज और बचाव, और समुद्री कानून प्रवर्तन के क्षेत्र में सहकारी जुड़ाव को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा हुई। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) और श्रीलंका तटरक्षक बल (एसएलसीजी) के बीच आठवीं उच्च स्तरीय बैठक हुई। सरकार के मुताबिक ये बैठक मजबूत और स्थायी समुद्री साझेदारी में एक और मील का पत्थर साबित होगी। श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व एसएलसीजी के महानिदेशक रियर एडमिरल वाईआर सेरासिंघे ने किया। भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व तटरक्षक बल (आईसीजी) के महानिदेशक परमेश शिवमणि ने किया। श्रीलंका के अलावा भारत ने कजाकिस्तान से भी बातचीत की। इस मध्य एशियाई देश के पहले उप रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल सुल्तान कमालतदीनोव ने भारतीय सेना प्रमुख के साथ रक्षा सहयोग और सैन्य संबंधों को बढ़ावा देने के तरीकों पर बातचीत की है। कमालतदीनोव ने रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने भी मुलाकात की।

पेन्सिलवेनिया में बड़ा हादसा, स्टील प्लांट में धमाके के बाद कई हताहत
अमेरिका के एक स्टील प्लांट में धमाका होने की खबर है। पिट्सबर्ग के पास एक स्टील संयंत्र में धमाके के बाद एक व्यक्ति की मौत हो गई, दर्जनों लोगों के घायल होने की आशंका है। कई लोग मलबे में फंसे हुए हैं। राहत और बचाव कार्य चलाने वाली रेस्क्यू टीम फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बचाने के प्रयास कर रही है। एलेघेनी काउंटी में आपात सेवा विभाग की प्रवक्ता कैसी रीगनर ने बताया कि प्लांट में धमाके के बाद आग सुबह करीब 10:51 बजे (स्थानीय समय) लगी। विस्फोट में घायल हुए लोगों का इलाज किया जा रहा है। स्थानीय लोगों को घटनास्थल से दूर रहने को कहा गया है। संयंत्र के 1.6 किमी के दायरे में रहने वाले लोगों को घरों से बाहर न निकलने, घरों की सभी खिड़कियों और दरवाजों को बंद रखने, बाहर की हवा को अंदर आने से रोकने और एग्जॉस्ट फैन जैसे विकल्पों के उपयोग से बचने की सलाह दी गई है।

पुलिसिंग की भूमिका में अमेरिकी सेना के इस्तेमाल पर ट्रंप पर मुकदमा शुरू
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के अपने निर्वासन प्रयासों का समर्थन करने और लॉस एंजिल्स में प्रदर्शनों को दबाने के लिए नेशनल गार्ड बलों के इस्तेमाल को लेकर सोमवार को ऐतिहासिक मुकदमा शुरू हुआ। यह अमेरिकी सड़कों पर सैनिकों की तैनाती के खिलाफ लंबे समय से चले आ रहे मानदंडों को तोड़ने के फैसले को कानूनी चुनौती है। सैन फ्रांसिस्को स्थित अमेरिकी जिला न्यायाधीश चार्ल्स ब्रेयर के समक्ष तीन दिवसीय गैर-जूरी यह तय करेगी कि क्या सरकार ने 19वीं सदी के उस कानून का उल्लंघन किया था, जो जून में ट्रंप द्वारा सैनिकों की तैनाती के समय सेना को नागरिक कानून प्रवर्तन से रोकता है। जैसा कैलिफोर्निया ने कानूनी चुनौती में दावा किया है। ब्रेयर ने सोमवार की सुनवाई की शुरुआत में कहा, अदालत को जिस तथ्यात्मक प्रश्न का समाधान करना चाहिए, वह यह है कि क्या घरेलू कानून लागू करने को सेना का इस्तेमाल हुआ था। अगर हां, तो क्या यह खतरा बना है कि ऐसा फिर से किया जा सकता है। प्रशासन इस बात से इन्कार करता है कि सैनिकों का इस्तेमाल नागरिक कानून प्रवर्तन में किया गया था और यह दिखाने की योजना बना रहा कि वे संघीय संपत्ति और अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) एजेंटों की सुरक्षा कर रहे थे।

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