2031 तक हटेंगी दिल्ली की सभी CNG बसें, अब केवल इलेक्ट्रिक बसों की खरीद, सरकार का बड़ा फैसला

केंद्र सरकार ने दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में इस्तेमाल हो रही DTC और क्लस्टर योजना के अंतर्गत संचालित 2,743 सीएनजी बसों को अगस्त 2031 तक क्रमिक रूप से हटाने का फैसला लिया है. दिल्ली से डीटीसी सीएनजी बसें हटाई जाएंगी. केंद्र सरकार ने राज्यसभा में यह जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और क्लस्टर सेवा के तहत 2,743 सीएनजी बसों का मौजूदा बेड़ा अगस्त 2031 तक चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा और अब केवल इलेक्ट्रिक बसें ही खरीदी जा रही हैं.

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री तोखन साहू ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उच्च सदन को यह जानकारी दी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 11,000 बसों के लक्ष्य में से बड़ी संख्या इलेक्ट्रिक बसों की होगी और यह चरणबद्ध तरीके से दिल्ली की सड़कों पर उतारी जाएंगी.

क्यों हटाई जा रही हैं डीज़ल और सीएनजी बसें?

पुरानी डीज़ल और सीएनजी बसों को हटाने का मकसद प्रदूषण कम करना और दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को पर्यावरण अनुकूल बनाना है. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों के लिए आवश्यक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर भी तेजी से काम चल रहा है. इसके लिए विभिन्न डिपो में चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. दिल्ली में वर्तमान में इलेक्ट्रिक बसों सहित 5,691 बसें हैं, जबकि डीटीसी और निजी कंपनियों द्वारा आधे-आधे के अनुपात के आधार पर 11,000 बसें उपलब्ध कराई जानी हैं.

उन्हाेंने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार ने सूचित किया है कि फिलहाल बेड़े में केवल इलेक्ट्रिक बसें ही शामिल की जा रही हैं.’’उन्होंने कहा कि सभी क्लस्टर बसें परिवहन विभाग द्वारा सकल लागत अनुबंध (जीसीसी) मॉडल पर शामिल की जा रही हैं.

जीसीसी मॉडल के तहत हाेंगी नई बसें शामिल

इसके साथ ही यह भी बताया कि पिछले पांच साल के दौरान, नई सीएनजी बसों की खरीद के लिए केंद्र या राज्य सरकार द्वारा डीटीसी को कोई धनराशि नहीं जारी की गई है. उन्होंने कहा कि 10 वर्ष से अधिक पुरानी 993 डीटीसी बसों के मौजूदा सीएनजी बेड़े को 2026-27 तक चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा, जबकि निजी क्लस्टर के तहत 1,750 बसों को अगस्त 2031 तक चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा.

इलेक्ट्रिक बसों के रखरखाव और संचालन की लागत पारंपरिक बसों की तुलना में कम होगी और लंबे समय में यह कदम आर्थिक रूप से भी लाभकारी साबित होगा.

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