
छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि मराठा शासकों की किलेबंदी प्रणाली का प्रतिनिधित्व करने वाले ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स’ को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जाना राज्य के लिए गौरवशाली क्षण है।
महाराष्ट्र के सभी नागरिकों और शिवभक्तों को हार्दिक बधाई- सीएम
यह निर्णय पेरिस में आयोजित विश्व धरोहर समिति (डब्ल्यूएचसी) के 47वें सत्र के दौरान लिया गया। सीएम फडणवीस ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार हमारे प्रिय छत्रपति शिवाजी महाराज को नमन करती है!! महाराष्ट्र के सभी नागरिकों और शिवभक्तों को हार्दिक बधाई।
‘मराठा सैन्य परिदृश्य’ में महाराष्ट्र के साल्हेर, शिवनेरी, लोहगढ़, खंडेरी, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला, विजय दुर्ग और सिंधुदुर्ग किले और तमिलनाडु का जिंजी किला शामिल हैं। फडणवीस ने आगे कहा कि शिवाजी महाराज ने इन किलों का निर्माण स्वराज्य के लिए किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हें यूनेस्को की सूची में शामिल कराने के प्रयासों में कई लोगों ने योगदान दिया।
अमित शाह ने जताई खुशी
अमित शाह ने एक्स पर लिखा कि यह सभी देशवासियों के लिए अत्यंत गौरव का क्षण है, जब यूनेस्को ने महाराजाधिराज छत्रपति शिवाजी महाराज जी के जीवन से जुड़े 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल किया है।
अभी कुछ ही दिन पहले रायगढ़ किले पर जाकर छत्रपति शिवाजी महाराज जी के जीवन से जुड़े प्रतीकों से आत्मसाक्षात्कार का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। ये किले हिंदवी स्वराज की रक्षा के प्रमुख स्तंभ रहे हैं, और यहीं से स्वभाषा तथा स्वसंस्कृति के प्रति करोड़ों देशवासियों को सतत प्रेरणा मिलती रही है।